
बहराइच मेडिकल कॉलेज में चल रहे नर्सिंग प्रिंसिपल विवाद ने अब एक नया और गंभीर मोड़ ले लिया है। रविवार देर रात कॉलेज परिसर में फिर से छात्रों का जमावड़ा देखने को मिला, जिसमें उन्होंने प्रिंसिपल ऑफिस का ताला तोड़े जाने और दस्तावेज़ों में हेरफेर के आरोप लगाए।
छात्रों का आरोप: “प्रिंसिपल ऑफिस का ताला टूटा, कागज़ों से छेड़छाड़”
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि बीते शुक्रवार को नर्सिंग छात्र शिवम पांडेय द्वारा आत्महत्या की कोशिश के बाद बनी जांच कमेटी की कार्यवाही से पहले ही प्रिंसिपल ऑफिस में ताला तोड़कर कागज़ात से छेड़छाड़ की गई।
छात्रों का दावा है कि जब जांच की तारीख नजदीक आई, तभी देर रात ऑफिस के ताले टूटे पाए गए, जिससे यह शक और गहरा गया कि सबूत मिटाने की कोशिश की गई है।
SDM का निरीक्षण: CCTV कब्जे में, दोबारा ताला बंद
रविवार रात जैसे ही बवाल बढ़ा, SDM सदर मौके पर पहुंचीं। उन्होंने ताले टूटे होने की पुष्टि की और दूसरा ताला लगवाया। साथ ही CCTV फुटेज को भी कब्जे में ले लिया गया है।
SDM ने कहा कि:
“प्रिंसिपल ऑफिस का ताला टूटा हुआ मिला है। कमेटी को सूचित कर दिया गया है और जांच सोमवार से शुरू होगी।”
कमेटी को करनी थी मंगलवार से जांच, पहले ही बिगड़ गए हालात
बहराइच के जिलाधिकारी द्वारा गठित जांच कमेटी को मंगलवार से इस मामले की औपचारिक जांच शुरू करनी थी। लेकिन छात्रों के अनुसार, ये सब कुछ कमेटी की जांच से पहले जानबूझकर किया गया ताकि मूल दस्तावेज़ों के साथ छेड़छाड़ कर सच्चाई को दबाया जा सके।
छात्रों ने DM आवास के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया था, जिसकी वजह से जांच की प्रक्रिया शुरू की गई थी।

“लूटो और मिटाओ” वाली मानसिकता?
छात्रों और स्थानीय लोगों का मानना है कि मेडिकल कॉलेज में हो रहे इन घटनाक्रमों से यह संदेश जा रहा है कि सच्चाई को छुपाने और छात्रों की आवाज़ दबाने की कोशिश की जा रही है।
छात्रों का कहना है कि:
“हम न्याय चाहते हैं, ना कि ताले तोड़ने और सबूत मिटाने का खेल। शिवम के साथ क्या हुआ, उसकी सच्चाई बाहर आनी चाहिए।”
आगे क्या होगा?
अब सबकी नजरें जांच कमेटी की रिपोर्ट और CCTV फुटेज पर टिकी हैं। कॉलेज प्रशासन अभी तक इस पूरे घटनाक्रम पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दे सका है।
क्या वाकई सबूत मिटाने की कोशिश की गई या ये केवल एक और राजनीतिक मोड़ है? जांच रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
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