समंदर चाचा की ‘गोलगप्पे’ की कहानी खत्म, सुरक्षा बलों ने कर दिया एनकाउंटर!

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

शुक्रवार रात को जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी सफलता हासिल की। बागू खां उर्फ समंदर चाचा, जो पिछले 30 सालों से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में रहकर आतंकियों के घुसपैठ में शामिल था, एनकाउंटर में मारा गया।

समंदर चाचा: आतंकियों का ‘ह्यूमन GPS’

समंदर चाचा, जो आतंकियों की दुनिया में ह्यूमन GPS के नाम से कुख्यात था, पाकिस्तान से भारत में आतंकवाद फैलाने के कई प्रयासों में शामिल था। वह सिर्फ एक आतंकी संगठन का हिस्सा नहीं था, बल्कि हर आतंकी को घुसपैठ करने में मदद करता था। 1995 में POK में बसे समंदर चाचा ने पिछले तीन दशकों में 100 से अधिक घुसपैठ की घटनाओं को अंजाम दिया।

एनकाउंटर की रात: समंदर चाचा का अंत

सूचना मिली कि समंदर चाचा नौशेरा नार क्षेत्र में घुसपैठ कराने का प्रयास कर रहा था। सुरक्षा बलों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए घेराबंदी की और एनकाउंटर में उसे ढेर कर दिया। इस दौरान उसका एक साथी भी मारा गया। यह एनकाउंटर न सिर्फ सुरक्षा बलों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ी जीत है।

सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ा झटका

समंदर चाचा की मौत आतंकियों के लिए एक बड़ा झटका है। वह सुरक्षाबलों के लिए न सिर्फ एक बड़ी चुनौती था, बल्कि देश में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक खतरनाक कड़ी था। अब उसकी मौत से सुरक्षा बलों को राहत मिली है, और उम्मीद जताई जा रही है कि इससे घुसपैठ के प्रयासों में कमी आएगी।

आतंकी नेटवर्क में समंदर चाचा की भूमिका

समंदर चाचा का आतंकियों के नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण स्थान था। उसे इलाके की गहरी जानकारी थी, जिसके चलते वह कई आतंकियों को भारत में घुसपैठ करने में मदद करता था। उसकी मौत से यह नेटवर्क कमजोर हो सकता है और कश्मीर घाटी में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक अहम मोड़ आ सकता है।

बागू खां उर्फ समंदर चाचा का एनकाउंटर सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता साबित हुआ है। यह घटना एक संदेश देती है कि भारत अपनी सीमा की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की समझौता नहीं करेगा और आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई जारी रहेगी।

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