
मेडिकल साइंस का मसीहा बनने चला था, पर निकला डिग्री के नाम पर धोखा!
असम में पुलिस ने एक और फर्जी डॉक्टर पुलोक मलाकार को ऑपरेशन थियेटर के अंदर से रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। और ये कोई छोटा-मोटा धोखा नहीं… जनाब ने 50+ सिजेरियन और गायनी सर्जरी कर डाली थीं। मानो Netflix की मेडिकल ड्रामा सीरीज़ खुद क्लिनिक में चल रही थी!
कहां से पकड़ा गया ये ‘डॉक्टर साहब’?
श्रीभूमि का रहने वाला पुलोक, सिलचर के दो बड़े प्राइवेट अस्पतालों में ‘गायनेकोलॉजिस्ट’ बनकर काम कर रहा था।
जब पुलिस की टीम पहुंची, उस समय जनाब एक सिजेरियन ऑपरेशन कर रहे थे — स्क्रब पहने हुए, हाथ में स्केलपेल… लेकिन डिग्री? Google Docs में भी नहीं मिली!
डॉक्यूमेंट्स का सच – Adobe Photoshop FTW!
जांच में पता चला कि:
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पुलोक के सभी मेडिकल सर्टिफिकेट फर्जी हैं
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मेडिकल काउंसिल में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं
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और सबसे बढ़िया – कुछ डॉक्यूमेंट्स पर तो साइन भी Comic Sans में थे!
पुलिस ने बताया कि 6 महीने से उसके खिलाफ इनपुट मिल रहे थे, लेकिन आखिरकार ऑपरेशन टेबल पर ही उसे गिरफ्तार किया गया।
एक और नहीं – ये तो 14वां फर्जी डॉक्टर निकला!
ये मामला कोई अपवाद नहीं। बीते 6 महीनों में असम में 14 फर्जी डॉक्टर पकड़े जा चुके हैं। मतलब, अगर आपने बुखार में डॉक्टर से मिलने गए हैं – तो ज़रा पूछ लेना, “MBBS है?”
गंभीर सवाल – हेल्थकेयर है या लॉटरी सिस्टम?
जितनी आसानी से लोग डॉक्टर बनकर इंसानों की बॉडी में गड़बड़ कर रहे हैं, उससे कहीं ज़्यादा मुश्किल तो सोशल मीडिया पर ब्लू टिक पाना हो गया है!
प्रशासन, मेडिकल काउंसिल और हॉस्पिटल्स पर बड़ा सवाल है, “किसी को भी OT की चाबी कैसे मिल जाती है?”
डॉक्टर अगर गूगल से बने, तो मरीज़ RIP Guaranteed!
भारत में गंभीर मेडिकल फ्रॉड की ये घटनाएं एक चेतावनी हैं — डॉक्टरों की नहीं, सर्टिफिकेट्स की भी जांच होनी चाहिए।
आज पुलोक पकड़ा गया, लेकिन सोचिए… 50 से ज़्यादा महिलाओं की ज़िंदगी किसके हाथ में थी?