
“अभी तो 50% टैरिफ है, 56% लगेगा तब क्या मोदी जी 56 इंच दिखाएंगे?” – AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
जहां एक तरफ अमेरिका ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लागू कर दिया है, वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार की चुप्पी ने विपक्ष को हमला बोलने का मौका दे दिया है।
अमेरिका ने भारत को दिया टैरिफ का थप्पड़, ओवैसी ने चखाया जवाब का तमाचा
ओवैसी का आरोप है कि अमेरिका भारत पर टैरिफ लगाकर “खुलेआम धौंस जमाने” की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय निर्यातक, छोटे व्यवसाय और रोज़गार बुरी तरह प्रभावित होंगे।
“ये सरकार की नाकामी है, ना कि ग्लोबल व्यापार की मजबूरी!” – ओवैसी का दो टूक बयान।
रूस से तेल खरीदा तो अमेरिका ने लगाया टैक्स: ओवैसी
Owaisi ने X (ट्विटर) पर लिखा,
“अमेरिका को नहीं आता ग्लोबल ट्रेड का A, B, C… हमने रूस से तेल खरीदा और अब भुगत रहे हैं टैक्स की मार। ये व्यापार है या बदला?”
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ये भारत की आत्मनिर्भरता की सजा है?
“56% टैरिफ के बाद ही बोलेगा 56 इंच?” – मोदी पर तंज
ओवैसी ने सीधा सवाल उठाया –
“मोदी जी चुप क्यों हैं? क्या अमेरिका 56% टैरिफ लगाए तब आप 56 इंच का सीना दिखाएंगे?”
उन्होंने कहा कि इस सरकार की विदेश नीति सिर्फ ‘फोटो सेशन और फ्लाइट टिकट’ तक सीमित रह गई है।
FDI और रोजगार पर पड़ेगा असर, बोले आदित्य ठाकरे भी
शिवसेना (UBT) के नेता आदित्य ठाकरे ने भी सरकार को लताड़ते हुए कहा:
“चीन का बहिष्कार कहने वाली सरकार, वहीं चीन से व्यापार और यात्रा दोनों कर रही है। इसकी कीमत आम जनता चुका रही है।”
FDI में गिरावट, एक्सपोर्ट में कटौती और रोज़गार पर संकट – ये सब सरकार की बाहरी नीति की अंदरूनी कमजोरी का नतीजा है।
भारत की अर्थव्यवस्था पर खतरे की घंटी
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टैरिफ की मार से भारत के निर्यात में गिरावट तय
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छोटे व्यवसायों पर लागत का बोझ
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विदेशी निवेशक होंगे निराश
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नौकरियों की संभावनाएं धुंधली
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ पर सरकार की खामोशी विपक्ष को बोलने का बड़ा मौका दे रही है। ओवैसी और ठाकरे जैसे नेताओं के तीखे सवाल अब जनता के गले उतर रहे हैं। यह पूरा मामला भारत की वैश्विक स्थिति और विदेशी व्यापार नीति की असल परीक्षा है।
क्या ये चुनावी मौसम में “विकास की असली रिपोर्ट कार्ड” बन जाएगा?