
बिहार चुनाव में भाषण तो बहुत हो रहे हैं, पर अमित शाह ने नालंदा में रैली के दौरान इतिहास की किताब ही खोल दी।
उन्होंने कहा — “कुमार गुप्त ने बनाया, बख्तियार खिलजी ने जलाया… और मोदी जी ने फिर से नालंदा का गौरव लौटाया।”
यानि इस बार शाह ने मंच से “वोट की पिच” पर इतिहास की बॉलिंग डाल दी!
‘1200 ईस्वी में खिलजी ने जलाया था नालंदा, छह महीने उठा धुआं’
शाह ने कहा कि जब बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय को जलाया, तो उसकी लाइब्रेरी से छह महीने तक धुआं उठता रहा।
इतिहासकारों की किताबों में पढ़ी बात अब सीधे चुनावी मंच से सुनाई दी — फर्क बस इतना कि इस बार ये “धुआं” वोट बैंक से उठ रहा है।
“अब अगर सौ खिलजी भी आ जाएं, नालंदा को कोई छू नहीं सकता”
शाह ने नालंदा की जनता से कहा — “अब अगर सौ बख्तियार खिलजी भी आ जाएं, तो नालंदा को कोई हाथ नहीं लगा सकता।”
संदेश साफ था — ये ‘डर नहीं, डेवलपमेंट’ वाला दौर है। जहां कभी राख थी, वहां अब “राष्ट्रवाद की राखी” बंधी जा रही है।

बिहार चुनाव समीकरण — बीजेपी और जेडीयू बराबर-बराबर
बिहार में इस बार बीजेपी और जेडीयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा, जबकि नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।
यानि अभी से “इतिहास बनाम भविष्य” का मैच ऑन है — और पिच पर शाह की चुनावी गूगल बॉल घूम रही है।
इतिहास का ‘धुआं’ अब वोट की ‘चिंगारी’ बन चुका है — और शाह का कहना है, “अबकी बार… नालंदा फिर से शानदार!”
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