
पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच, भारत ने DRDO और HAL के सहयोग से स्टेल्थ टेक्नोलॉजी से लैस AMCA फाइटर जेट के निर्माण को मंजूरी दी है। यह कदम भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करेगा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम मील का पत्थर साबित होगा।
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AMCA की विशेषताएँ: ‘स्टाइल’ और ‘स्टेल्थ’ का बेहतरीन मिश्रण
AMCA एक 5वीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर जेट है, जो DRDO की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के संयुक्त प्रयासों से विकसित किया जा रहा है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
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स्टेल्थ डिजाइन: AMCA का डिजाइन इस प्रकार किया गया है कि यह रडार पर कम दिखाई दे, जिससे दुश्मन के रडार से बचाव संभव हो सके।
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ए.आई. पायलट: इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित पायलट सिस्टम होगा, जो पायलट की सहायता करेगा और मिशन की सफलता में योगदान देगा।
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नेट-सेंट्रिक युद्ध प्रणाली: यह जेट नेट-सेंट्रिक युद्ध प्रणाली से लैस होगा, जिससे यह वायुसेना के अन्य संसाधनों के साथ बेहतर तालमेल से काम करेगा।
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इंटर्नल वेपन्स बे: AMCA में आंतरिक हथियार कक्ष होगा, जिससे इसकी स्टेल्थ क्षमता में वृद्धि होगी और यह अधिक प्रभावी तरीके से हमला कर सकेगा।
आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम
AMCA का निर्माण भारत में ही हो रहा है, जिससे देश की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। इससे न केवल भारत की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि देश में रक्षा उद्योग को भी मजबूती मिलेगी। यह कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक अहम मील का पत्थर साबित होगा।
कब होगा AMCA तैयार?
AMCA का पहला प्रोटोटाइप 2028 तक तैयार होने की संभावना है। इसके बाद, 2035 तक इसे भारतीय वायुसेना में शामिल करने की योजना है। इस समयसीमा के भीतर, DRDO और HAL मिलकर इस परियोजना को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
भारत की रक्षा क्षमताओं में वृद्धि
AMCA के निर्माण से भारत की रक्षा क्षमताओं में वृद्धि होगी और यह देश को एक मजबूत रक्षा शक्ति के रूप में स्थापित करेगा। यह कदम भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और अहम कदम है, जो देश की सुरक्षा को और मजबूत करेगा।
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