बारिश ने अमरनाथ यात्रा को दिखाया स्टॉप बोर्ड, आज नहीं चलेगी श्रद्धा एक्सप्रेस!

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

कश्मीर में लगातार हो रही बारिश ने श्रद्धा में भीगा टॉवर फेंक दिया है। जम्मू-कश्मीर के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने सोमवार को ऐलान किया कि अमरनाथ यात्रा 30 जुलाई 2025 को स्थगित कर दी गई है।

बेस कैंप बालटाल और नुनवान (चंदनवाड़ी) दोनों जगहों से यात्रियों की आगे की बढ़ोतरी पर अस्थायी ब्रेक लगा दिया गया है। कारण? बारिश ने ट्रैक को ‘वॉटर पार्क’ बना डाला है।

क्या कहा प्रशासन ने?

कश्मीर डिविजनल कमिश्नर विजय कुमार बिधूड़ी ने बताया:

“सुबह से भारी बारिश जारी है, और यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसलिए यात्रा रोकी गई है।”

हैरत की बात नहीं है, क्योंकि इस साल का मानसून लगता है अमरनाथ यात्रा से ईर्ष्या कर बैठा है।

अब तक कितने श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन?

3.93 लाख से ज़्यादा तीर्थयात्री अब तक पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं।
30 जून से शुरू हुई यह 43 दिन लंबी यात्रा, हर साल की तरह इस बार भी भारी उत्साह और सुरक्षा व्यवस्था के बीच चल रही थी — जब तक बारिश ने दखल नहीं दी।

बालटाल और पहलगाम: कौन-कौन से रूट हुए प्रभावित?

दोनों प्रमुख रूट –

  • बालटाल बेस कैंप

  • नुनवान/चंदनवाड़ी, पहलगाम

दोनों से यात्रा 30 जुलाई को पूरी तरह स्थगित कर दी गई है।

प्राकृतिक बाधा या श्रद्धा की परीक्षा?

हर साल अमरनाथ यात्रा कोई ना कोई बाधा लेकर आती है — कभी भूस्खलन, कभी सुरक्षा चुनौती, और अब मानसून का सैलाब
यह वही यात्रा है जहां श्रद्धालु कहते हैं –

“बर्फानी बाबा बुलाते हैं, तो रास्ते खुद बन जाते हैं।”
लेकिन इस बार, बाबा ने छतरी साथ लाने का संकेत पहले ही भेज दिया था शायद!

यात्रियों के लिए प्रशासन की सलाह

श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे:

  • अपने स्थान पर ही रुके रहें

  • अफवाहों से दूर रहें

  • केवल आधिकारिक निर्देशों का पालन करें

क्या यात्रा फिर से शुरू होगी?

हां, जैसे ही मौसम ठीक होगा और रास्ते फिर से सुरक्षित माने जाएंगे, यात्रा दोबारा चालू कर दी जाएगी। प्रशासन और सेना पूरी सतर्कता के साथ ट्रैक और मौसम की निगरानी कर रही है।

क्या आप भी यात्रा पर जाने वाले हैं? तो यह रखें ध्यान:

  • भारी बारिश और भूस्खलन की संभावनाओं को नजरअंदाज न करें

  • एक दिन पहले मौसम और ट्रैवल अपडेट ज़रूर चेक करें

  • स्थानीय अधिकारियों से अनुमति लेकर ही यात्रा शुरू करें

बर्फानी बाबा की जय हो! लेकिन मानसून महाराज का मूड भी समझना ज़रूरी है। बाबा बुलाएंगे, पर पानी से नहीं बहकर जाना होगा!

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