
सोमवार की सुबह Air India की फ्लाइट AI 2455 त्रिवेंद्रम से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी, लेकिन वो चेन्नई में एक मिड-एयर इमरजेंसी का शिकार बन गई।
फ्लाइट में सवार यात्रियों को उस वक्त झटका लगा, जब तकनीकी खराबी के कारण विमान को चेन्नई डायवर्ट किया गया और लैंडिंग की परमिशन नहीं मिली।
यात्रियों के साथ-साथ सांसद केसी वेणुगोपाल, कोडिक्कुनिल सुरेश, अडूर प्रकाश, के. राधाकृष्णन, और रॉबर्ट ब्रूस भी फ्लाइट में मौजूद थे।
1 टेक्निकल फॉल्ट, 2 घंटे का हवाई डर, 500 धड़कनों का उतार-चढ़ाव
सांसद केसी वेणुगोपाल ने एक्स (Twitter) पर लिखा –
“हम करीब दो घंटे तक हवा में चक्कर लगाते रहे। जब पहली बार लैंड करने की कोशिश हुई, रनवे पर पहले से ही एक विमान था। कैप्टन ने तुरंत यू-टर्न लिया।”
ये घटना उस वक्त और डरावनी हो गई जब यात्रियों को टर्बुलेंस और तकनीकी गड़बड़ी का सामना करना पड़ा और उन्हें प्लेन में कैद होकर ‘क्या होगा अगला मोड़’ वाली फीलिंग आई।
पायलट की सतर्कता और किस्मत ने बचाई जान
फ्लाइट में सवार लोगों की जान बची – एक्सपर्ट पायलट की सूझबूझ और शायद थोड़ी बहुत किस्मत की वजह से भी।
जब पहली लैंडिंग में सामने प्लेन था, पायलट ने मिनटों में निर्णय लेकर फ्लाइट को फिर हवा में मोड़ा और दूसरी बार सेफ लैंडिंग की।

केसी वेणुगोपाल ने उठाई जांच की मांग – “यात्री भाग्य के भरोसे नहीं”
सांसद ने DGCA और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से घटना की तत्काल जांच और जवाबदेही तय करने की मांग की।
उन्होंने साफ लिखा –
“हमें भाग्य के भरोसे उड़ान नहीं भरनी चाहिए। यात्रियों की जान की कीमत तकनीकी खामी से बड़ी है।”
पिछले हादसे से भी लोग डरे – अहमदाबाद केस की यादें ताज़ा
घटना के बाद कई यात्रियों ने कहा कि उन्हें अहमदाबाद फ्लाइट हादसे की याद आने लगी। लोगों की घबराहट जायज़ थी, क्योंकि ये प्लेन भी एक संभावित हादसे के बहुत करीब था।
क्या अब उड़ानों की सुरक्षा पर उठेंगे सवाल?
हर बार “जांच होगी” कह देना काफी नहीं है। सवाल ये है कि क्या DGCA अब टेक्निकल इंस्पेक्शन को लेकर सख्त होगी?
और क्या एयर इंडिया जैसी बड़ी एयरलाइन यात्रियों की जान को लेकर अब और जिम्मेदार बनेंगी?
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