
जून 2025 में हुए Air India के दुखद विमान हादसे में जान गंवाने वाले चार यात्रियों के परिवार अब न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। अमेरिका में उन्होंने विमान निर्माता Boeing और पार्ट्स बनाने वाली कंपनी Honeywell के खिलाफ केस फाइल किया है।
क्या था हादसे का असली कारण?
मुक़दमे के अनुसार, Boeing 787-8 Dreamliner के ईंधन स्विच (fuel switch) में तकनीकी खराबी थी, जिससे इंजन को ज़रूरी फ्यूल सप्लाई नहीं मिली और विमान कुछ ही मिनटों में क्रैश हो गया।
जांच रिपोर्ट बताती है कि take-off के कुछ क्षण बाद ही फ्यूल स्विच ऑटोमेटिकली बंद हो गया, जिससे इंजन बंद हो गया। ये वही तकनीकी कमी थी जिसे कंपनियों ने डिज़ाइन स्टेज में ही नजरअंदाज़ किया।
कंपनियों की लापरवाही पर सीधा आरोप
परिवारों के वकीलों का कहना है कि:
“Boeing और Honeywell दोनों को इस डिज़ाइन फ्लॉ (design flaw) की जानकारी थी, फिर भी उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया। ये सीधी लापरवाही है।”
इस केस में कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर सुरक्षा को नजरअंदाज किया ताकि प्रोडक्ट जल्दी बाज़ार में आ सके।

क्यों है ये मामला बेहद अहम?
यह केस वैश्विक एविएशन सेक्टर की जवाबदेही को लेकर बड़ा सवाल उठाता है। पहले भी Boeing पर 737 MAX से जुड़े हादसों को लेकर केस हो चुके हैं। अगर कोर्ट ने ये माना कि डिज़ाइन में गलती पहले से पता थी, तो भारी भरकम मुआवज़ा देना पड़ सकता है।
अगला कदम क्या होगा?
अब सभी की नजर अमेरिका की कोर्ट पर है, जहां यह मुक़दमा मंगलवार को फाइल किया गया है। यह केस एयरक्राफ्ट डिज़ाइन में पारदर्शिता, सुरक्षा और जवाबदेही के नए मानक तय कर सकता है।
260 निर्दोष लोगों की मौत का जवाब कौन देगा? Boeing और Honeywell? या वो सिस्टम जो लापरवाही पर भी आंखें मूंद लेता है?
इस केस की सुनवाई एविएशन इंडस्ट्री के लिए “wake-up call” बन सकती है।
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