
लखनऊवासियों की इस बार की गर्मी मौसम से नहीं, बिजली विभाग से ज्यादा जलवा रही है। शहर में बिजली की लुका-छिपी ऐसी चल रही है कि लगता है विभाग ने सप्लाई पर ‘ऑनलाइन एग्ज़ाम’ वाला टाइमटेबल लगा दिया है – कभी भी चालू, कभी भी बंद!
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बुजुर्ग-पंखे-बच्चे सब बेहाल
चौक के राजकुमार जायसवाल कहते हैं, “बिजली विभाग वालों को एक रात बिना AC-पंखे के बिता कर देखनी चाहिए, तब पता चलेगा असली ‘ग्राउंड रिपोर्ट’ क्या होती है।”
पंखे घूमना भूल गए हैं और कूलर अब ‘डेकोरेशन पीस’ बन चुके हैं। बच्चों का हाल ऐसा कि उनके खिलौनों की बैटरी चल रही है, लेकिन कमरे की लाइट नहीं!
शहरभर में “पावर प्ले”, लेकिन बिना करंट के
अलीगंज, गोमतीनगर, इंदिरानगर, आलमबाग और चौक जैसे इलाकों में बिजली इतनी बार गई, कि अब लोग घंटे नहीं, मेगावॉट्स में गिनती करने लगे हैं।
व्यापारियों का कहना है –
“गर्मी से ग्राहक वैसे ही गायब हैं, ऊपर से बिजली नहीं… तो व्यापार का क्या करें, अगरबत्ती जलाएं?”
लखनऊ में बिजली नहीं, उम्मीदें ही जल रही हैं
इस समय लखनऊ में भीषण गर्मी + अनियमित बिजली = परमानेंट पसीना बिजली विभाग की तैयारी ऐसी है जैसे IPL में बिना नेट प्रैक्टिस के फाइनल खेलने उतर गए हों।
उम्मीद बस इतनी है कि गर्मी तो जैसे-तैसे कट जाएगी, पर बिजली विभाग की ये “कटौती नीति” भी जल्दी रिटायर हो।
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