
पिछले 24 घंटों में पुलिस ने दो ऐसे बड़े गिरोहों का पर्दाफाश किया है जो सिम कार्ड के सहारे आम नागरिकों को डिजिटल ठगी का शिकार बना रहे थे। देशभर में 39 ऐसे सिम डीलर चिन्हित किए गए हैं, जिनमें से 9 यूपी के हैं और बाकी पश्चिम बंगाल, असम, महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु व कर्नाटक से ताल्लुक रखते हैं।
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CBI की छापेमारी में इन POS (Point of Sale) डीलरों के नेटवर्क का खुलासा हुआ, जो फर्जी नाम-पते पर सिम कार्ड जारी कर साइबर क्राइम का नया रास्ता बना रहे थे।
कैसे होता है यह फ्रॉड?
आम ग्राहक को लगता है कि उसका आधार वेरिफिकेशन हुआ और सिम चालू हो गया — पर यहीं होता है धोखा।
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KYC के नाम पर झांसा: POS डीलर वेरिफिकेशन फेल बताकर दोबारा KYC करते हैं।
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एक सिम आपको और दूसरा स्कैमर्स को: दोनों सिम एक ही नाम-पते पर चालू किए जाते हैं।
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डार्क वेब और फ्रॉड लिंक से इस्तेमाल: इन फर्जी सिमों का इस्तेमाल होता है UPI फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट, फर्जी इन्वेस्टमेंट, कॉल सेंटर स्कैम और वर्क फ्रॉम होम ठगी में।
कैसे बचें इस डिजिटल ठगी से?
केवल अधिकृत डीलरों से ही सिम कार्ड लें।
दूसरी बार KYC करने से पहले SMS में देखें कि वेरिफिकेशन फेल हुआ या नहीं।
TAFCOP पोर्टल पर जाएं:
https://tafcop.sancharsaathi.gov.in
यहां अपने मोबाइल नंबर से लॉगिन करें और देखें कि आपके नाम पर कितने सिम चालू हैं।
अज्ञात नंबरों से OTP या कॉल आए तो सतर्क रहें।
कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत शिकायत करें 1930 पर।
फर्जी सिम कार्ड = फर्जी गिरफ्तारी, फर्जी वर्क जॉब, फर्जी निवेश
आज सिम कार्ड महज़ मोबाइल चलाने का जरिया नहीं, यह आपकी डिजिटल पहचान बन चुका है। एक फर्जी सिम कार्ड आपके नाम पर चल रहा है, तो कल को आपके नाम पर केस भी हो सकता है।
भारत जैसे देश में जहां डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं कुछ लोग इसी व्यवस्था का फायदा उठाकर आम जनता की मेहनत की कमाई पर डाका डाल रहे हैं।
अब वक्त आ गया है कि आप जागरूक बनें, डिजिटल सतर्कता को अपनाएं और अपने डेटा की रक्षा खुद करें।
खुश होने की जरुरत नहीं है क्योंकि -“भारत में iPhone सिर्फ जुड़ता है, बनता नहीं!