हलो यू पी ( 08 - 07- 2014 ) - भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी सोमवार को 33 साल के हो गए। अपने जन्मदिन पर धोनी ने एक इंटरव्यू में भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तान धोनी ने अपनी सफलता का राज भी बताया। धोनी ने कहा कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनते हैं और इस तरह वह सही फैसले लेने में सक्षम होते हैं।
2007 में ट्वंटी-20 वर्ल्ड कप से पहले कप्तान बनाए जाने, सीनियर खिलाड़ियों के साथ तालमेल बैठाने और अपनी कप्तानी के तरीके तथा अन्य कई विषयों पर बात की। धोनी ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को दो बार विश्व चैंपियन बनाया।
वर्ष 2007 में टी-20 विश्व कप से पहले भारतीय टीम के कप्तान बनाए गए धोनी ने इसके बाद राष्ट्रीय टीम को कई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और 2011 में अपने नेतृत्व में विश्व कप और गत वर्ष चैंपियंस ट्रॉफी में टीम को जीत दिलाई।
![]() |
धोनी ने कहा कि मैं बहुत योजनाएं नहीं बनाता और अपनी अंतरात्मा की आवाज पर भरोसा करता हूं लेकिन कई लोग इस बात को नहीं समझते कि मन की आवाज सुनने से पहले आपको इस स्थिति का अनुभव होने की बहुत जरूरत है।
उदाहरण के लिए आपको बाइक के बारे में कुछ नहीं पता। अगर मैं अपनी एक बाइक का इंजन खोलूं और आपके सामने रखकर बताने को कहूं कि यह इंजन किस बाइक का है तो आपके मन में कोई आवाज नहीं आएगी क्योंकि आपको वहां रखी चीज के बारे में कुछ नहीं पता। मैंने अपने जीवन में अभी तक जितनी भी क्रिकेट खेली है, उसके अनुभव के आधार पर मुझे अंतरात्मा की आवाज आती है।
धोनी के लिए 9 जुलाई से इंग्लैंड के खिलाफ यहां शुरू होने वाली पांच टेस्ट मैचों की सीरीज उनके कैरियर में अभी तक की सबसे चुनौतीपूर्ण सीरीज होगी।
टीम में सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी में टीम का नेतृत्व करने के बारे में पूछे जाने पर भारतीय कप्तान ने कहा कि जब आपकी टीम में सचिन, लक्ष्मण, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली जैसे दिग्गज हों तो आप काफी दबाव में होते हैं लेकिन सीनियरों की मौजूदगी और उनके अनुभव से आपको सीखने का मौका मिलता है। लेकिन साथ ही यदि मैं उनकी बातों से रजामंद नहीं होता तो मैं उन्हें इस बारे में बता सकता हूं और 10.15 मिनट बाद वह एक नयी योजना के साथ आते हैं।