धरती पर वापसी: ISRO ने भेजा था वैज्ञानिक, वापस आया स्पेस सुपरस्टार

महेंद्र सिंह
महेंद्र सिंह

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम अब धरती की ओर वापस लौट चुके हैं — और नहीं, वो कोई छुट्टियों से वापस नहीं आ रहे, बल्कि वो वैज्ञानिक प्रयोगों का वो स्वदेशी झोला लेकर आए हैं, जिसे भारत ने अंतरिक्ष में पहली बार पूरी दुनिया के लिए खोला है।

लाइव कवरेज: “सीटबेल्ट बांध लीजिए, अंतरिक्ष यान लैंड करने वाला है!”

नासा, स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस के यूट्यूब, NASA+ और सोशल चैनल्स पर लाइव कवरेज कुछ ऐसा चल रहा है जैसे IPL फाइनल हो –

“अब देखिए… हैच बंद हो रहा है!”
“अब देखिए… अनडॉकिंग हो रही है!”
“अब देखिए… ग्रेविटी से दोबारा दोस्ती हो रही है!”

भारतीय समयानुसार शाम 4:35 बजे, अंतरिक्ष यान ने ISS से सफलतापूर्वक अनडॉक किया और ‘धरती दर्शन यात्रा’ शुरू की।

स्वदेशी विज्ञान की अंतरिक्ष में एंट्री

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने गर्व से बताया कि शुभांशु शुक्ला ने जिन प्रयोगों को अंजाम दिया, वो पूरी तरह से स्वदेशी किट और भारतीय संस्थानों द्वारा बनाए गए थे – जैसे कि IISc बेंगलुरु और IITs

“पहली बार, किसी भारतीय ने भारतीय प्रयोगों को पूरी दुनिया के लिए अंतरिक्ष में किया – और इस बार वो सिर्फ बातों में नहीं, बल्कि रॉकेट में भेजे गए!”

वैज्ञानिक प्रयोग या ‘Swadeshi Experiment 2.0’?

जीवन विज्ञान और वृक्षारोपण जैसे विषयों पर जो रिसर्च अंतरिक्ष में की गई, वह न केवल विज्ञान को नई दिशा देगी, बल्कि भारत को ‘वैज्ञानिक वैचारिक महाशक्ति’ के तौर पर स्थापित करेगी।

अब ये मत पूछिए कि “वृक्षारोपण अंतरिक्ष में क्यों?”
क्योंकि अब हम सिर्फ धरती पर नहीं, अंतरिक्ष में भी पर्यावरण बचा रहे हैं!

“मिशन मंगल 2.0 नहीं, ये था मिशन ‘मिट्टी’ वापसी!”

यह तो स्पष्ट है कि शुभांशु शुक्ला अब सिर्फ वैज्ञानिक नहीं, बल्कि भारतीय मीडिया के नए ‘स्पेस हीरो’ हैं।
जहाँ पहले विदेशी प्रयोग अंतरिक्ष में चमकते थे, अब भारतीय जैविक प्रयोग भी वहां चांदनी बिखेर रहे हैं।

“स्वदेशी एक्सपेरिमेंट कर दिए हैं ब्रह्मांड में लांच – अब तो एलियन भी बोलेगा, नमस्ते इंडिया!

अंतरिक्ष में भी ‘मेक इन इंडिया’ की गूंज, और शुभांशु शुक्ला इसका पहला ऐतिहासिक चेहरा!

 

 

 

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