
पहले गुरुग्राम पुलिस ने दावा किया था कि राधिका यादव केस ‘ओपन एंड शट’ है — अब वही पुलिस फोन डेटा रिकवर करने की तैयारी कर रही है। राधिका का iPhone DITECH (हरियाणा का IT विभाग) को भेजा गया है ताकि डिलीट हुआ डेटा रिकवर किया जा सके, और पता चल सके कि वह किस-किस से बात कर रही थी, किस सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर एक्टिव थी।
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दोस्त की चौंकाने वाली स्टेटमेंट
राधिका की दोस्त हिमांशिका सिंह ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो पोस्ट करके आग में घी डाल दिया। उसने आरोप लगाया कि राधिका के पिता, दीपक यादव ने बेटी की हत्या की पूरी प्लानिंग की थी।
हिमांशिका का दावा है कि राधिका की हालत मृत्यु से 10 दिन पहले खराब थी, और उसे अपने सपनों से परे जाने का डर था।
फोन डेटा के पीछे की रणनीति
पुलिस का कहना है कि राधिका का फोन उनका पासवर्ड पता न होने के कारण बंद और लॉक था। इसलिए फ़ोन अनलॉक करवाकर उसकी:
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सारी कॉल, मैसेज,
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डिलीट हुई चैट्स,
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और सोशल मीडिया लॉग्स
रिकवर की जाएँगी। यह डेटा राधिका के दोस्तों और पिता के बयान की पुष्टि या खंडन में काम आएगा।
आरोपपत्र की तैयारी आगे
पुलिस का कहना है कि उनके पास अपर्याप्त सबूत नहीं, बल्कि पर्याप्त सबूत मौजूद हैं, और जल्द ही आरोपपत्र दाखिल किया जा सकता है।
10 जुलाई को राधिका की गोली से हत्या हुई थी, और डॉ. दीपक माथुर द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्टों को लेकर उठे सवाल अब पिता के कबूलनामे में विरोधास्पद लगते हैं।
केस का नया चैप्टर
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पुलिस ने खुद ओपन एंड शट स्टेटमेंट दिया था, जो अब बदल गया
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दोस्त की स्टेटमेंट से पूरा मामला रिवर्स मोड़ पर आया
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फोन डेटा से अब नये सबूत और कॉल, चैट रिकॉर्ड मिल सकते हैं
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यह डेटा सच्चाई के दरवाज़े खोल सकता है
अब ट्रुथ की तलाशी तेज़
राधिका यादव केस में अब सब की निगाहें फोन डेटा रिकवरी पर टिक गई हैं। क्या वह डेटा राधिका को बेनकाब करेगा या पिता और दोस्त की स्टेटमेंट को सशक्त बनाएगा?
जैसे ही DITECH परिणाम देता है, केस का सही सच पर्दे पर आ सकता है।
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