वोटर बने विदेशी! बिहार में वोटर लिस्ट की सीक्रेट एंट्री

आलोक सिंह
आलोक सिंह

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन का काम कुछ ऐसा लग रहा है जैसे “Bigg Boss” का ऑडिशन चल रहा हो — जो दस्तावेज़ दिखाओ, वोटर बन जाओ!

अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर असली में ग्लोबल इकॉनमी की लड़ाई है

नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार — सब वोट के लाइन में!

रिपोर्ट से सामने आया है कि बिहार के कई हिस्सों में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिक न सिर्फ रह रहे हैं, बल्कि उनके पास आधार कार्ड, राशन कार्ड और रेजिडेंस सर्टिफिकेट भी मौजूद है। बस पासपोर्ट नहीं मिला, वरना वो खुद को भारतीय राजदूत बता देते!

BLO बन गए डिटेक्टिव!

राज्य में करीब 1.5 लाख BLO घर-घर दस्तक दे रहे हैं, और 4 लाख वॉलंटियर्स के साथ मिलकर लोगों की नागरिकता की पहचान कर रहे हैं। लेकिन जब वोटर ID पर ‘शफीकुर रहमान उर्फ शंकर यादव’ लिखा हो, तो पहचान करना भी एक कला बन जाती है।

कौन बनेगा वैध वोटर?

ड्राफ्ट वोटर लिस्ट: 1 अगस्त 2025
दस्तावेज वेरिफिकेशन: 1-30 अगस्त
दावा/आपत्ति की आखिरी तारीख: 1 सितंबर
फाइनल लिस्ट: 30 सितंबर 2025

चुनाव आयोग ने साफ कहा है — कागज़ सही, तो वोट सही। नहीं तो OUT!
यह सुनकर कई फर्जी मतदाता अब Google से “Indian Citizenship Form Download” सर्च कर रहे हैं।

1987 से 2004 वालों की परीक्षा भी चालू

बिहार में जो 1987 से 2004 के बीच जन्मे हैं, उन्हें अपने या माता-पिता में से एक का ID देना होगा। और जो 2004 के बाद के हैं — मम्मी-पापा दोनों का आधार चाहिए!
कुछ युवा अब अपनी गर्लफ्रेंड से ज़्यादा माँ का वोटर ID तलाश रहे हैं।

सवाल:

  1. अगर दस्तावेज़ से ही तय होना है, तो फिर राष्ट्रीयता का क्या मतलब बचा?

  2. क्या वोटर लिस्ट अब “सर्वधर्म संभाव” का डिजिटल रूप बन चुकी है?

  3. ECI की मेहनत रंग लाएगी या “फॉर्म सही है, दिल गलत” वाली स्थिति बनेगी?

जनता बोले — “BLO आए थे, सेल्समैन लग रहे थे!”

रिपोर्ट के मुताबिक, कई लोग BLO को देखकर समझ ही नहीं पाए कि वे दस्तावेज़ चेक करने आए हैं या कुछ बेचने। और कई जगह तो लोग खुद पूछने लगे — “भैया, वोटर ID बनवाना है, आपके पास फॉर्म है?”

“वोटर लिस्ट नहीं, पहचान पत्रों की परीक्षाशाला!”

बिहार की वोटर लिस्ट रिवीजन अब सिर्फ मतदाता पहचान का काम नहीं, बल्कि भारतीयता का प्रमाणीकरण बन गया है। चुनाव आयोग अगर इस बार पूरी तरह सख्त रहा, तो उम्मीद है कि 2025 का चुनाव सिर्फ भारत के नागरिक ही लड़ेंगे — विदेशी रिश्तेदार नहीं।

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