
मध्यप्रदेश की राजनीति की सड़कें इस बार सिर्फ गड्ढों से नहीं, बयानों के बवंडर से भी भरी पड़ी हैं। सीधी की गर्भवती महिला लीला साहू ने कीचड़ में खड़े होकर अपने अधिकार की आवाज उठाई। लेकिन नेताओं ने जनता की पुकार को ‘वायरल कंटेंट’ समझ लिया।
नई बॉल, पुराना ड्रामा – गिल बोले, ये गेंद तो पहले ही खेली गई है
वायरल वीडियो बना सियासी भूचाल
लीला साहू का वीडियो — जिसमें उन्होंने सांसद राजेश मिश्रा को चुनावी वादा याद दिलाया — ना सिर्फ वायरल हुआ, बल्कि नेताओं के असली चेहरे भी सामने लाए। महिला ने कहा कि अगर कोई अनहोनी होती है, तो इसकी जिम्मेदारी सांसद की होगी।
सांसद बोले: डिलीवरी डेट बताओ, उठवा लेंगे!
यह जवाब न तो मेडिकल था, न राजनीतिक — बल्कि बिल्कुल ‘बयानबाजी-जैविक’ था। सांसद राजेश मिश्रा ने जब यह पूछा कि “डिलीवरी डेट बताओ, उठवा लेंगे”, तो सोशल मीडिया ने भी सिर पकड़ लिया।
PWD मंत्री बोले: क्या सोशल मीडिया से बनेंगी सड़कें?
PWD मंत्री राकेश सिंह भी विवाद में एंट्री मार गए। उनका कहना है, “कोई भी सोशल मीडिया पर वीडियो डाल देगा तो सड़क बन जाएगी क्या?”
जनता बोले: “मंत्री जी, सड़क ना बनाओ, लेकिन सोशल मीडिया तो मत बिगाड़ो!”
कौन हैं राकेश सिंह? – PWD मंत्री, दो बेटियों के पिता और बयानवीर
-
जन्म: 4 जून 1962, जबलपुर
-
शिक्षा: B.Sc. (विज्ञान)
-
राजनीति में अनुभव: तीन बार सांसद, एक बार प्रदेश अध्यक्ष, अब कैबिनेट मंत्री
-
स्टाइल: बयान पहले, काम बाद में
और ये रहे राजेश मिश्रा – कभी बसपा, अब बीजेपी, फिर वायरल
-
जन्म: 20 दिसंबर 1957, सीधी
-
राजनीति की शुरुआत: 2008, बसपा से
-
बीजेपी में वापसी: जिला अध्यक्ष बने
-
2024 में चुने गए: सीधी से बीजेपी सांसद
-
बयान स्टाइल: डिलीवरी डेट और जिम्मेदारी में उलझे
जनता सड़क मांग रही है, नेता बयानबाज़ी कर रहे हैं!
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि जनता अगर कीचड़ में है, तो नेता भी बयानबाज़ी के दलदल में डूबे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल होते ही जिन मुद्दों को नेता हल्का समझते हैं, वही उनके लिए भारी पड़ जाते हैं।
देश में ना शीशा टूटा, ना साया हिला – ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान हिला