
महाराष्ट्र की राजनीति में गर्मी वैसे भी कम नहीं थी, लेकिन बुलढाणा से शिवसेना शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड़ ने इस बार राजनीति की रसोई में सीधा ‘दाल-कांड’ परोस दिया है।
आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल की कैंटीन में विधायक जी ने खाना ऑर्डर किया, लेकिन जब दाल पहुंची तो उसमें से राजनीतिक बदबू नहीं, बल्कि वास्तविक बदबू आने लगी।
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“थाली में छेद नहीं था, लेकिन थप्पड़ ज़रूर पड़ा”
जैसे ही गायकवाड़ जी ने दाल का स्वाद चखा, उनका “नेता धर्म” जाग उठा। दाल में स्वाद की बजाय सड़न मिली तो उन्होंने लोकतंत्र की मर्यादा निभाते हुए पहले डांट-फटकार, फिर सीधा पंच दे मारा।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि विधायक जी ने दाल की खराबी पर कैंटीन कर्मचारी को खाने के साथ थप्पड़ भी परोस दिया।
शिवसेना शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड़ ने आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल में कैंटीन वाले की पिटाई की है.
विधायक गायकवाड़ ने खाने का ऑर्डर दिया था तब खराब दाल उन्हें दी गई. pic.twitter.com/MDw6bg28HU
— Avinash Tiwari (@TaviJournalist) July 9, 2025
वीडियो वायरल, जनता कन्फ्यूज़: दाल पर गुस्सा या पुराना हिसाब?
इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैला है।
लोगों ने सवाल उठाए हैं —
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क्या दाल इतनी खराब थी कि थप्पड़ लाजिमी था?
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या फिर विधायक जी ने “थाली में छेद” का बदला थाली पर मुक्का मारकर लिया?
लोगों को अब दाल नहीं, राजनीतिक सडांध ज्यादा दिख रही है।
विधानसभा सत्र के बीच उबलती राजनीति, और उबलती दाल
महाराष्ट्र विधानसभा सत्र के दौरान जहां विधायक मुंबई में जुटे हैं, वहीं विधायक गायकवाड़ ने राजनीति के साथ रसोई को भी गरमा दिया।
कहा जा रहा है कि पहले भी कई लोगों ने दाल में बदबू की शिकायत की थी, लेकिन कैंटीन वाला शायद विधायक की भूख को गंभीरता से नहीं समझ सका।
पहले भाषाओं पर बवाल, अब दाल पर सवाल
गायकवाड़ पहले भी चर्चा में रह चुके हैं —
मराठी बनाम हिंदी विवाद में उन्होंने छत्रपति संभाजी महाराज का उदाहरण देते हुए कहा था, “क्या वे मूर्ख थे जो उन्होंने 16 भाषाएं सीखीं?”
अब लगता है कि विधायक जी 16 भाषाएं छोड़कर ‘थप्पड़ भाषा’ में बात करने लगे हैं।
कैंटीन कर्मी पर केस या केस की दाल?
गायकवाड़ का कहना है कि वे कैंटीन संचालक के खिलाफ खाद्य विभाग में शिकायत दर्ज कराएंगे।
अब जनता पूछ रही है –
“क्या पहले खाना जज करेगा या गुस्सा?”
और क्या अगली बार विधायक जी अपने साथ फूड टेस्टर लेकर खाना मंगवाएंगे?
जब खाने से पहले आए ‘हाथ’, तो समझिए मेन्यू में कुछ नया है
विधायक संजय गायकवाड़ का यह कृत्य चाहे भूख से प्रेरित हो या गुस्से से संक्रमित, लेकिन जनता ने तय कर लिया है —
अब दाल में तड़का नहीं, थप्पड़ देखने को मिल रहा है।
राजनीति में स्वाद बदल रहा है, और थाली अब सिर्फ खाने की नहीं, बयानबाज़ी और बहस की भी बनती जा रही है।
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