
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले में मंगलवार को एक बार फिर बुलडोज़र ने गरजते हुए धर्म परिवर्तन के कथित अभियुक्त जलालुद्दीन उर्फ़ छांगुर बाबा की अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई की। शासन-प्रशासन की इस तगड़ी एक्शन ने एक साफ संदेश दिया — क़ानून से ऊपर कोई नहीं, चाहे उसके नाम के आगे बाबा लगा हो या पीछे गिरोह।
सरकारी ज़मीन पर बनी थी ‘धार्मिक’ हवेली
बलरामपुर के डीएम पवन अग्रवाल के मुताबिक़, यह कार्रवाई सरकार की प्राथमिकता के तहत की गई है ताकि सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्ज़ों को हटाया जा सके। एसपी विकास कुमार ने बताया कि छांगुर बाबा और उसके साथियों द्वारा बनाई गई यह इमारत पूरी तरह सरकारी ज़मीन पर थी, जिसे क़ानूनी प्रक्रिया के तहत ध्वस्त किया गया।
और बाबा का किला ढह गया… और जनता बोली: “राम नाम सत्य है!”
योगी आदित्यनाथ का सख्त संदेश: समाज-विरोधी ही नहीं, राष्ट्र-विरोधी!
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (ex-Twitter) पर पोस्ट करते हुए लिखा:
“जलालुद्दीन की गतिविधियाँ न केवल समाज विरोधी बल्कि राष्ट्र विरोधी भी पाई गई हैं। उसकी संपत्तियों को ज़ब्त कर सख़्त कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने साफ़ कर दिया कि शांति और सौहार्द से खिलवाड़ करने वालों को ऐसी सज़ा दी जाएगी जो आने वाले समय में उदाहरण बनेगी।
बाबा का बुलडोज़र-योग
छांगुर बाबा शायद सोच रहे थे कि उनका ‘आश्रम’ अब मिनी राष्ट्र बन चुका है, जहाँ कानून की एंट्री ‘नो एंट्री’ थी। लेकिन बुलडोज़र ने आकर बताया कि क़ानून की नींव पक्की होती है, बाबा की दीवारें नहीं। और जनता अब पूछ रही है — “अगला नंबर किसका?”