ठाकुर-ब्राह्मण बनाम जनता जनार्दन: सुप्रिया श्रीनेत पर कांग्रेसियों का सीधा वार

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

कांग्रेस की डिजिटल दुनिया में इस समय कुछ भी ‘ऑर्गेनिक’ नहीं लग रहा है — ना ट्रेंड, ना टीम और ना ही तमाशा। पार्टी की सोशल मीडिया प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत पर खुद कांग्रेस इकोसिस्टम के अंदर से ही आवाज़ें उठने लगी हैं। वजह? कथित तौर पर सोशल मीडिया सेल पर “सवर्ण प्रभुत्व” का आरोप और राहुल गांधी की छवि को लेकर सुप्रिया की “निष्क्रियता”।

आशीष पटेल का ‘पॉलिटिकल फिटनेस टेस्ट’ फेल- अब हो गए बावले

सब कुछ ‘Savarna-टाइप’ क्यों लग रहा है?

आंदोलन से उठे कुछ जमीनी नेताओं का आरोप है कि सोशल मीडिया टीम ठाकुर, ब्राह्मण और बनियों से भरी हुई है। इन नेताओं का दावा है कि सोशल मीडिया का चेहरा अब “जनता” नहीं, बल्कि “जनरल कैटेगरी” बन गया है।

राहुल गांधी के खिलाफ खबरें, सुप्रिया की चुप्पी?

जैसे ही राहुल गांधी पर हमला होता है, कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल पर सन्नाटा छा जाता है। न ट्वीट, न वीडियो, न कोई जवाब — जबकि भाजपा के मीम डिपार्टमेंट में 5G स्पीड चल रही होती है! पप्पू कहो, तो ट्रेंडिंग में होता है। जवाब देने की जिम्मेदारी है सुप्रिया जी की — लेकिन वो शायद पेज 3 पढ़ रही होती हैं!”

सवर्ण प्रभुत्व या डिजिटल ब्राह्मणवाद?

बहस अब सियासी से जातीिगत होती दिख रही है। अंदरखाने से जो सबसे बड़ा आरोप निकलकर आ रहा है, वह है — “सोशल मीडिया पोस्टिंग भी अब जाति देखकर होती है!”
कई युवा और ओबीसी नेताओं ने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस के डिजिटल पोस्ट बनाने के लिए भी जातिगत प्रमाणपत्र देना ज़रूरी है?

सोशल मीडिया सेल या ‘सिलेंट मोड’ टीम?

भाजपा के डेली ट्रेंड्स के मुकाबले कांग्रेस की टीम अक्सर मौनव्रत में रहती है। कोई बड़ा मुद्दा हो या राहुल गांधी पर निजी हमला — टीम “रणनीतिक शांति” बनाए रखती है। इन्हें ट्विटर ट्रेंड्स नहीं, हफ्ते की छुट्टी प्लान में ज्यादा दिलचस्पी है।

कांग्रेस की सोशल टीम में Diversity का टेस्ट!

कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम:

  • जनरल कैटेगरी – ओके

  • ग्राउंड वर्क एक्सपीरियंस – जीरो

  • जवाब देने का स्पीड – जीरो

  • सिलेब्रिटी लुक – ओके

  • पब्लिक कनेक्शन – जीरो

सुप्रिया श्रीनेत के लिए मुश्किल समय, या ‘ब्रांडिंग ब्लंडर’?

जहां एक ओर भाजपा हर दिन डिजिटल हथियारों से लड़ाई में है, वहीं कांग्रेस अपनी सोशल मीडिया टीम से ही लड़ रही है। क्या यह सुप्रिया श्रीनेत के करियर के लिए पहला बड़ा झटका है?
या फिर कांग्रेस नेतृत्व एक बार फिर ‘क्लोज्ड डोर पॉलिटिक्स’ में फंसा हुआ है?

मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग में रंगाई घोटाला: 24 लीटर पेंट पर 3 लाख खर्च!

Related posts

Leave a Comment