
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ बलात्कार ने राज्यभर में आक्रोश और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। इस संवेदनशील मामले के सामने आने के बाद सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं और विपक्षी दल आक्रामक हो गए हैं।
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बीजेपी की फैक्ट फाइंडिंग टीम कोलकाता रवाना
इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम बनाई है, जो सोमवार सुबह दिल्ली से कोलकाता रवाना हुई। इस टीम में शामिल हैं:
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सत्यपाल सिंह (पूर्व पुलिस कमिश्नर और सांसद)
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मीनाक्षी लेखी (केंद्रीय मंत्री)
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बिप्लब कुमार देब (पूर्व मुख्यमंत्री, त्रिपुरा)
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मनन कुमार मिश्रा (बार काउंसिल ऑफ इंडिया प्रमुख)
इनका उद्देश्य है मामले की ज़मीनी सच्चाई पता लगाना और पीड़िता को न्याय दिलाने के प्रयासों में पारदर्शिता लाना।
TMC से आरोपी का संबंध, पुलिस ने 4 को किया गिरफ़्तार
घटना के बाद गंभीर आरोप लगे कि इस अपराध में शामिल लोगों का सीधा संबंध सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) की छात्र इकाई से है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अब यह स्पष्ट हो चुका है कि अभियुक्त TMC छात्र परिषद से संबंधित हैं।
पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया:
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दो मौजूदा छात्र
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एक पूर्व छात्र
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कॉलेज का एक सुरक्षा गार्ड
गिरफ्तारी के बाद कोलकाता पुलिस पर भी कार्रवाई में देरी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
कैंपस की सुरक्षा पर खड़े हुए सवाल
इस घटना ने उच्च शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्र संगठनों और अभिभावकों में भय और असंतोष है। कई लोग यह पूछ रहे हैं कि क्या शैक्षणिक संस्थानों में छात्राएं सुरक्षित हैं?
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज
राज्य की ममता बनर्जी सरकार को विपक्षी दलों द्वारा कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। बीजेपी इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर पर्दा डालने का आरोप लगा रही है, जबकि TMC का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है।
कोलकाता लॉ कॉलेज रेप केस केवल एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि यह सवाल खड़ा करता है कि क्या हमारी छात्राएं अपने कैंपस में सुरक्षित हैं? राजनीतिक आरोपों के बीच न्याय की उम्मीदें और मजबूत होती जा रही हैं। सभी की निगाहें अब इस फैक्ट फाइंडिंग टीम की रिपोर्ट और राज्य सरकार की आगामी कार्रवाइयों पर टिकी हैं।