शेफाली की मौत: एंटी-एजिंग दवाएं बनीं वजह? पुलिस जांच में नए खुलासे

Lalita Pradeep
Lalita Pradeep

2002 में ‘कांटा लगा’ से घर-घर में मशहूर हुईं शेफाली जरीवाला अब सिर्फ यादों में रह गईं। लेकिन उनकी अचानक हुई मौत एक ऐसा रहस्य बन चुकी है, जिसे व्रत, वैलनेस और विटामिन के बीच से निकाला जा रहा है।

27 जून को, जब उनके घर में पूजा और उपवास का पावन माहौल था, उसी दिन उन्होंने एक एंटी-एजिंग इंजेक्शन लिया – यह वही नियमित ट्रीटमेंट था जो वो 7-8 साल से हर महीने लेती आ रही थीं।

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एंटी-एजिंग या एज एंडिंग?

पुलिस और फॉरेंसिक विभाग की जांच में चौंकाने वाली बात सामने आई – उनके घर से बरामद हुईं एंटी-एजिंग वायल्स, गैस्ट्रिक दवाएं और विटामिन सप्लीमेंट्स की पूरी एक फार्मेसी मौजूद थी।

रात 10 से 11 बजे के बीच शेफाली की तबीयत बिगड़ी, शरीर कांपने लगा, और कुछ ही देर में बेहोश होकर गिर गईं। परिवार उन्हें अस्पताल ले गया, लेकिन डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।

मौत में ना कोई क्लू

अब तक की जांच में न कोई घरेलू विवाद मिला, न कोई तनाव का संकेत। पुलिस ने आठ लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें परिवार, नौकर और अस्पताल के डॉक्टर शामिल हैं। तो सवाल अब भी वहीं खड़ा है – क्या मौत का असली कारण वही “युवा बनाए रखने वाली दवा” है?

फिटनेस का फिक्सेशन और मेडिकल मॉडर्निटी की माया

सवाल ये भी है कि सेलेब्रिटीज़ की बढ़ती उम्र से लड़ने की चाहत कहीं उनके जीवन के लिए ही खतरा तो नहीं बन रही? जिस “फिटनेस” और “फेशियल फ्रेशनेस” की दौड़ में पूरा ग्लैमर वर्ल्ड लगा है, कहीं वो खुद अपनी सबसे बड़ी दुश्मन तो नहीं बन रही?

शेफाली जरीवाला की मौत ने सिर्फ एक स्टार को नहीं, बल्कि उस सोच को भी झकझोर दिया है जो दिखावे, खूबसूरती और ‘यंग रहने’ की चाह में वैज्ञानिक संतुलन भूल बैठती है। अभी मौत का असली कारण पोस्टमॉर्टम और लैब रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगा, लेकिन फिलहाल ये घटना एक चेतावनी की तरह है – स्वास्थ्य से खिलवाड़ न करें, चाहे वो ग्लैमर की कीमत पर ही क्यों न हो।

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