
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को एक हाई वोल्टेज प्रेसवार्ता कर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और बीजेपी पर सीधा हमला बोला। अखिलेश ने कहा, गोरखपुर में मेट्रो का सपना दिखाया गया था, लेकिन वहां मेट्रो नहीं, गोरखधंधा चल रहा है!”और साथ में ये भी जोड़ दिया कि – “अगर गोरखपुर वालों ने मुंह खोल दिया, तो विरासत गलियारे की जगह हिरासत गलियारा बनाना पड़ेगा।“
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मेट्रो वादे पर कटाक्ष: घोषणापत्र की गुमशुदगी दर्ज होनी चाहिए
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी ने झांसी और गोरखपुर में मेट्रो चलाने का वादा किया था। लेकिन न मेट्रो आई, न ट्रैक बिछा, न ड्राइवर मिला –सिर्फ घोषणाएं और जुमले मिले।
कॉरिडोर के नाम पर लूटतंत्र एक्टिव है
अखिलेश का आरोप साफ था – “जहां बीजेपी जमीन देखती है, वहां प्रशासन और पुलिस की मदद से कब्जा हो जाता है।”
कॉरिडोर के नाम पर स्थानीय लोगों को जबरन हटाया जा रहा है और फिर उनकी जमीन को मंहगे दामों पर बेचा जा रहा है।
यानी ‘विकास’ का असली नाम अब ‘विवाद कॉरिडोर’ है।
नोएडा एनकाउंटर और आरक्षण पर भी सरकार को घेरा
सिर्फ मेट्रो और ज़मीन ही नहीं, नोएडा एनकाउंटर, स्कूलों के मर्जर, आरक्षण, और बढ़ती हत्या की घटनाओं पर भी अखिलेश ने सरकार को घेरा। योगी सरकार में कानून व्यवस्था नहीं, कानून ‘उलझन’ व्यवस्था बन चुकी है।
दयावान मुआवजा सिर्फ अपनों को मिलता है
अखिलेश ने कहा कि जब सीएम योगी की जमीन का मामला आया, तो उन्हें सबसे ज्यादा मुआवजा मिला। बाकियों को सिर्फ आश्वासन और अधिग्रहण मिला।
चुनावी भविष्यवाणी: अब नंबर गोरखपुर और मथुरा का है!
अखिलेश ने दावा किया कि अयोध्या और प्रयागराज में बीजेपी हारी है, अब गोरखपुर और मथुरा में भी BJP को हार का सामना करना पड़ेगा।
मतलब अगली बार जय श्रीराम नहीं, शायद जय जनता गूंजेगी?
हिरासत गलियारे की दस्तक?
अखिलेश यादव ने न केवल आंकड़े और तथ्य रखे, बल्कि सियासी कटाक्षों की झड़ी लगा दी। उनका बयान दर्शाता है कि विपक्ष अब वेटिंग मोड में नहीं, अटैकिंग मोड में है।