
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में एक धार्मिक आयोजन ने ऐसी आग पकड़ी कि कथा के ‘जय श्रीराम’ से लेकर थाने के ‘फायर इन द एयर’ तक मामला पहुंच गया। दांदरपुर गांव में कथावाचकों से बदसलूकी के बाद अब जातीय टकराव ने कानून-व्यवस्था को सीधा चैलेंज कर दिया है।
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क्या हुआ था भागवत कथा में?
21 जून को दांदरपुर में चल रही भागवत कथा में कथावाचकों से उनकी जाति पूछी गई — और फिर बात सिर्फ जात पूछने तक नहीं रुकी।
कथावाचकों की चोटी काटी गई,
सिर मुंडवा दिया गया,
पेशाब फेंका गया,
और एक महिला कथावाचक से नाक रगड़वाई गई।
वीडियो वायरल हुआ और संत समाज से लेकर सियासत तक सब बिफर गए।
कथा से बवाल का नया अध्याय — अब कथावाचकों पर FIR!
जैसे ही सपा ने कथावाचकों को सम्मानित किया, कथा आयोजन करने वाली महिला ने कथावाचकों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाकर पलटवार किया।
अब जो पहले पीड़ित थे, FIR के बाद अभियुक्त बन बैठे।
अहीर रेजिमेंट पहुंची मैदान में — थाने के आगे हाईवे जाम
FIR की ख़बर मिलते ही यादव समाज सड़कों पर उतर आया। बकेवर थाने का घेराव हुआ, आगरा- कानपुर हाईवे जाम हुआ। अहीर संगठन के लोग गांव तक पहुंच गए — पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन…
…और फिर बरसने लगे पत्थर, गूंजने लगी फायरिंग
दांदरपुर में जुटी भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
पुलिस ने बल प्रयोग और हवाई फायरिंग की।
एक पुलिस वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ।
हालात तनावपूर्ण हैं, गांव पुलिस छावनी बना दिया गया है।
पुलिस का जवाब — कानून हाथ में लेने वालों पर होगी कार्रवाई
एसपी ग्रामीण श्रीशचंद ने कहा, “कुछ उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है, और उनकी पहचान के आधार पर कड़ी कार्रवाई होगी।”
जात पूछने से शुरू हुआ मामला, अब जातीय राजनीति की प्रयोगशाला बनता जा रहा है इटावा
कथा हो या सियासत — जाति की खिचड़ी अगर गलत सुलगे, तो पूरे गांव को झुलसा देती है।
इटावा में फिलहाल हालात तनावपूर्ण हैं, लेकिन सोशल मीडिया और सियासी गलियारों में आग अब भी सुलग रही है।
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