
जैसे ही बिहार में चुनावी गर्मी चढ़ी, नेताओं में भी माइग्रेशन का सीज़न शुरू हो गया। पुराने साथी अब पुराने नहीं रहे, और नाराज नेता-कार्यकर्ता नए राजनीतिक ठिकानों की तलाश में निकल पड़े हैं। इस बीच RJD ने एक बड़ी सेंध लगाते हुए पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा को अपने पाले में कर लिया है।
मुश्किल शुरुआत: गिल कप्तान बने, बाबू भविष्य की सोचो- आकाश तुम्हारा है
रेणु कुशवाहा समेत कई नेता RJD में शामिल
बुधवार को पटना स्थित RJD कार्यालय में हुए मिलन समारोह में रेणु कुशवाहा, विजय सिंह, राघवेंद्र कुशवाहा, राजीव कोयरी जैसे बड़े चेहरे RJD में शामिल हुए। इस मौके पर तेजस्वी यादव खुद मौजूद थे, जिन्होंने ट्वीट कर इस ‘सदस्यता ग्रहण’ को लोकतंत्र की जीत बताया।
तेजस्वी ट्वीट: “20 वर्षों की NDA सरकार से हर वर्ग त्रस्त है… जनता अब बदलाव चाहती है… परिवर्तन निश्चित है!”
टायर्ड और रिटायर्ड बिहार चला रहे हैं – तेजस्वी का वार!
तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर करारा तंज कसते हुए कहा, “मुख्यमंत्री अचेत हैं और अब सरकार ‘भुंजा पार्टी’ बन चुकी है जिसे टायर्ड और रिटायर्ड अफसर चला रहे हैं।”
वैसे नीतीश जी के लिए यह नया नहीं है – कभी RJD, कभी BJP, फिर महागठबंधन और फिर NDA… लेकिन अब जनता पूछ रही है — “नीतीश जी, अगली पारी किसके साथ?”
NDA को झटका, RJD को फायदा?
रेणु कुशवाहा जैसे कुशवाहा समाज की प्रभावशाली नेता का RJD में जाना NDA के लिए बड़ा झटका हो सकता है। खासकर तब जब बिहार में जातीय समीकरण बेहद संवेदनशील हैं और NDA पहले ही सीट शेयरिंग को लेकर अंदरूनी खींचतान से जूझ रही है।
दल बदल अब राजनीति की परंपरा है या मजबूरी?
बिहार की राजनीति में “दल बदल” अब लोकतंत्र का अभिन्न अंग बन चुका है — जो जहां खुद को फिट देखता है, वहीं “विकास” की नई परिभाषा गढ़ लेता है। जनता भी अब नेताओं से नहीं, Google से पूछती है: “आज कौन किस पार्टी में गया?”
चुनावी रणभूमि तैयार, अगली चाल किसकी भारी?
रेणु कुशवाहा का RJD में जाना एक और संकेत है कि चुनावी शतरंज की बिसात बिछ चुकी है। तेजस्वी ‘बदलाव’ के रथ पर सवार हैं और नीतीश ‘अनुभव’ की ढाल थामे खड़े हैं। अब देखना यह है कि जनता इस बार किसे चुनती है – ‘रिटायर्ड सोच’ को या ‘तेज-स्वी’ को?
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