
जब हालात बिगड़ते हैं, तो अंदर की आवाज़ ही रास्ता दिखाती है। लीड्स टेस्ट के चौथे दिन कुछ ऐसा ही देखने को मिला, जब ऋषभ पंत और केएल राहुल ने संयम और आक्रामकता का गजब तालमेल दिखाया।
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गिल का आउट, संकट की दस्तक
चौथे दिन के खेल की शुरुआत में ही ब्राइडन कार्स की गेंद ने शुभमन गिल को चलता किया। विकेट जल्दी गिरते ही लगा कि भारत मुश्किल में है, लेकिन फिर पंत और राहुल ने मोर्चा संभाल लिया।
पंत की आंखें खुलीं, फिर बल्ला बोला
शुरुआत में पंत अपने आक्रामक अंदाज़ में थे। केएल राहुल उन्हें लगातार संयम बरतने की सलाह दे रहे थे। एक वक्त ऐसा भी आया जब पंत ने स्कूप शॉट खेलने की कोशिश में खुद को गिरा लिया। रिव्यू में बचे और स्टंप माइक पर खुद से बोले:
“ऐसी गेंदों को इस तरह खेलने की ज़रूरत नहीं है. सीधे बैट से खेलो.”
इसके बाद पंत ने खुद को कंट्रोल किया और संभलकर मगर मौके पर हमला बोलते हुए बल्लेबाज़ी की।
पंत का इतिहास, इंग्लैंड में दो शतक
ऋषभ पंत ने टेस्ट इतिहास में एक नया अध्याय लिखा। वह इंग्लैंड की धरती पर एक ही टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बन गए। पंत ने 140 गेंदों में 118 रन बनाए, जिसमें 15 चौके और 3 छक्के शामिल थे।
राहुल-पंत की साझेदारी ने दिलाई मज़बूती
दोनों के बीच 195 रन की साझेदारी हुई — 283 गेंदों पर। इसने भारत को 371 रन की बढ़त दिला दी। राहुल ने अपनी क्लासिक तकनीक से 137 रन की पारी खेली, जिसमें संयम और संतुलन का भरपूर मिश्रण था।
इंग्लैंड की चुनौती और बुमराह का इंतज़ार
चौथे दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने बिना विकेट खोए 21 रन बना लिए थे। अंतिम दिन की सुबह बारिश की संभावना है, लेकिन भारतीय फैंस की निगाहें बुमराह की गेंदबाज़ी पर होंगी — क्या वो टेस्ट का रुख भारत की ओर मोड़ पाएंगे?
पंत और राहुल की जोड़ी ने सिर्फ रन ही नहीं बनाए, बल्कि टीम को आत्मविश्वास और बढ़त दी। ऋषभ पंत ने अपने अंदर की आवाज़ सुनी और इतिहास रच डाला। अब पांचवें दिन इंग्लैंड की परीक्षा बाकी है।
“किताब दी नहीं, फरसा पकड़ाया!” – प्रो.बोले, संघ की पाठशाला का असली पाठ