ना सिर्फ अपने, भारत अब पड़ोसियों का भी संकटमोचक

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

ईरान में जारी संकट के बीच भारत ने एक मानवीय पहल करते हुए अपने पड़ोसी देशों नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों की मदद का ऐलान किया है। यह जानकारी भारत के ईरान स्थित दूतावास ने अपने आधिकारिक ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर साझा की है।

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भारत की पड़ोसी प्राथमिकता: सिर्फ नागरिक नहीं, इंसानियत की बात

दूतावास ने कहा, “नेपाल और श्रीलंका की सरकार के अनुरोध पर, भारत अब ईरान में फंसे उनके नागरिकों की भी मदद करेगा।”
इस कदम को भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ नीति और मानवीय कूटनीति का एक और उदाहरण माना जा रहा है।

हेल्पलाइन नंबर और टेलीग्राम चैनल जारी

दूतावास ने नेपाली और श्रीलंकाई नागरिकों से संपर्क साधने के लिए आपातकालीन संपर्क नंबर और टेलीग्राम चैनल की सुविधा उपलब्ध कराई है:

  • 📞 +98 9010144557

  • 📞 +98 9128109115

  • 📞 +98 9128109109

“यदि आप नेपाल या श्रीलंका के नागरिक हैं और ईरान में फंसे हैं, तो तुरंत हमसे संपर्क करें,” भारतीय दूतावास ने अपील की।

संकट के समय में भारत की सक्रिय भूमिका

भारत पहले भी संकट के समय कई देशों को मदद देता रहा है — चाहे वह ऑपरेशन गंगा हो (यूक्रेन से छात्रों की वापसी), या अफगानिस्तान से लोगों को निकालने की कार्रवाई।
इस बार भारत ने न सिर्फ अपने नागरिकों बल्कि अपने पड़ोसियों की भी चिंता करते हुए यह कदम उठाया है।

भारत एक भरोसेमंद संकट-साझेदार

विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम से भारत न सिर्फ क्षेत्रीय स्थिरता में एक सकारात्मक शक्ति बनकर उभरा है, बल्कि उसने एक बार फिर दिखा दिया है कि आपदा में वह सिर्फ सीमाओं से नहीं, दिलों से जुड़ा है।

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