
आज लखनऊ का डिफेंस एक्सपो मैदान एक जॉब फेस्ट जैसा नहीं, बल्कि एक “गमछा और बोतल विसर्जन” स्थल बन गया। गृह मंत्री अमित शाह जैसे ही मंच पर आए, नियुक्ति पत्रों की बरसात होने लगी, लेकिन मैदान में घुसे हर अभ्यर्थी को सबसे पहले अपने “बेसिक सर्वाइवल किट” यानी बोतल और गमछा बाहर जमा कराना पड़ा। सुरक्षा ऐसी थी कि पानी की बूँद भी एंट्री पास लेकर ही आती।
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1300 बसों से ‘मिलिट्री स्टाइल एंट्री’, जीपीएस से लैस ‘गति नहीं भावना’
प्रदेश भर से आए हजारों अभ्यर्थी 1300 सुपरवाइज्ड, CCTV-फ्रेंडली बसों में लखनऊ पहुंचे। एक बस में बैठकर आया हर अभ्यर्थी इस भ्रम में था कि शायद उसे ट्रेनिंग के लिए नहीं, अगले मिशन पर भेजा जा रहा है।
सुरक्षा ऐसी कि ‘संदेह की छांव’ भी पास न आए
PAC, पुलिस, ट्रैफिक और ड्रोन निगरानी के बीच कार्यक्रम स्थल का माहौल कुछ ऐसा था — “न कोई बेवजह बोले, न कोई ठंडा पानी खोले!” कार्यक्रम में पहुंचे अभ्यर्थी भूख और प्यास से तो जूझ ही रहे थे, लेकिन मन में सरकारी नौकरी की मिठास ने सब भुला दिया।
सीएम योगी ने किया स्थल निरीक्षण, हर ब्लॉक में उत्साह और धूप बराबर बंटा
कार्यक्रम से एक दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद निरीक्षण पर पहुंचे। हर ब्लॉक की व्यवस्था ऐसी थी कि लगता था – सिपाही नहीं, Oath-taking Superheroes आ रहे हैं।
शाह का संदेश: बिना गमछा भी देश की सेवा की जा सकती है
अमित शाह ने मंच से नए सिपाहियों को नियुक्ति पत्र सौंपते हुए भावुक अंदाज़ में कहा, “देश की रक्षा का असली अभ्यास आज से शुरू होता है, जब तुमने गमछा छोड़ दिया!”
कार्यक्रम भले ही सख्त सुरक्षा में सजा हो, लेकिन यह लखनऊ के युवाओं के लिए सपनों के सच होने का दिन बन गया। यूपी पुलिस में नए सिपाहियों की नियुक्ति ने कई घरों में उम्मीद की रौशनी फैलाई — और गमछा छोड़कर भी एक नया जीवन शुरू हो गया।
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