
उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी बीमारी है जो बिना किसी शोर-शराबे के शरीर को भीतर से नुकसान पहुंचाती है। ये दिल, किडनी और दिमाग को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकता है, और कई बार लक्षण सामने तब आते हैं जब बहुत देर हो चुकी होती है। लेकिन अच्छी खबर ये है कि हम इसे किचन से ही कंट्रोल कर सकते हैं — बिना गोली के या बहुत कम दवा के।
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नमक कम करें, बीपी पर ब्रेक लगाएं
“नमक स्वाद बढ़ाता है, लेकिन बीपी भी!” दरअसल, नमक में मौजूद सोडियम ब्लड प्रेशर को तेजी से बढ़ाता है। WHO की मानें तो दिन में 5 ग्राम (यानी एक छोटी चम्मच से भी कम) नमक ही काफी है। प्रोसेस्ड फूड, अचार, पापड़, नमकीन स्नैक्स और बेकरी आइटम में नमक छिपा होता है — इनसे जितनी दूरी, उतनी जिंदगी।
फाइबर से भरपूर फल और सब्ज़ियां — बीपी की नेचुरल दवा
जैसे पेड़-पौधे हवा को साफ करते हैं, वैसे ही फाइबर युक्त फल और सब्ज़ियां हमारे शरीर को डिटॉक्स करती हैं। पालक, लौकी, खीरा, गाजर और ब्रोकली जैसी सब्जियां और सेब, जामुन, संतरा, अनार जैसे फल हाई बीपी को कंट्रोल करने में बेहद मददगार हैं। फाइबर ब्लड वेसल्स की सफाई करता है और दिल को सुकून देता है।
पोटैशियम वाला खाना: सोडियम का कट्टर दुश्मन
पोटैशियम शरीर में सोडियम के प्रभाव को कम करता है। मतलब, जितना पोटैशियम, उतना बीपी पर नियंत्रण। केला, टमाटर, नारियल पानी और उबले आलू जैसे खाद्य पदार्थ पोटैशियम के बेहतरीन स्रोत हैं। इन्हें अपनी थाली में शामिल करें और देखें कैसे बीपी धीरे-धीरे स्थिर होता है।
साबुत अनाज और दालें — दिल के लिए बुलेटप्रूफ शील्ड
ब्राउन राइस, ओट्स, बाजरा, ज्वार जैसे साबुत अनाज और मूंग, मसूर, चना, राजमा जैसी दालें न सिर्फ फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होती हैं, बल्कि ये मैग्नीशियम भी देती हैं जो बीपी कंट्रोल में बेहद उपयोगी है। याद रखिए — चिप्स छोड़िए, चने चुनिए!
कम फैट डेयरी प्रोडक्ट्स — बीपी के लिए सौम्य सहारा
टोन्ड दूध और दही बीपी मरीजों के लिए कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत हैं। कैल्शियम ब्लड वेसल्स को आराम देता है और हाई बीपी के खतरे को कम करता है। मलाई छोड़िए, हेल्दी हड्डियों और दिल के लिए दही लीजिए।
नट्स और बीज — थोड़ी मात्रा, जबरदस्त असर
बादाम, अखरोट, चिया सीड्स और फ्लैक्ससीड्स में हेल्दी फैट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं जो दिल को सुरक्षा देते हैं। मगर ध्यान रहे, ये सेहतमंद हैं पर सीमित मात्रा में ही — नहीं तो बीपी कम होने से पहले वजन बढ़ सकता है!
किन चीजों से बनाएं दूरी?
तली-भुनी चीजें, अधिक नमक, रेड मीट, प्रोसेस्ड मीट, मिठाइयां, सोडा और अत्यधिक चाय-कॉफी — ये सब बीपी को बढ़ावा देने वाले तत्व हैं। शराब और धूम्रपान तो जैसे बीपी के लिए सीधा निमंत्रण हैं। जितना दूर रहेंगे इनसे, उतनी राहत मिलेगी ब्लड प्रेशर से।
हर्बल पेय और जूस — बीपी के लिए ठंडक भरे उपाय
लौकी का जूस, चुकंदर का रस, त्रिफला पानी जैसे पेय बीपी को शांत करने में कारगर हैं। साथ ही तुलसी या दालचीनी की चाय भी बीपी कंट्रोल करने में असरदार होती है। ये न सिर्फ आपके बीपी को संतुलित रखेंगे, बल्कि शरीर को भी डिटॉक्स करेंगे।
दिनचर्या में लाएं ये छोटे मगर असरदार बदलाव
रोज़ाना कम से कम 30 मिनट वॉक, योग या कोई हल्की फिजिकल एक्टिविटी अपनाएं। तनाव बीपी का सबसे बड़ा दुश्मन है, इसलिए गहरी सांस लें, ध्यान करें और तनाव को कहें अलविदा। 7–8 घंटे की नींद लें — क्योंकि जब नींद पूरी होती है, तो बीपी भी शांत रहता है।
बीपी की सबसे सस्ती दवा — आपकी थाली
दवा ज़रूरी हो सकती है, लेकिन खानपान से मिल सकता है स्थायी समाधान। बस करें ये छोटे बदलाव — कम नमक, ज़्यादा फाइबर, ढेर सारी सब्जियां और सही आदतें — और हाई ब्लड प्रेशर को कहें नमस्ते! क्योंकि “थाली सुधरेगी तो हालत सुधरेगी”।
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