
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख दिखाया है। बीजेपी सांसद बैजयंत जय पांडा के नेतृत्व में एक बहु-दलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल बहरीन पहुंचा, जिसका उद्देश्य भारत की स्थिति को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करना और इस्लाम के नाम पर हो रही हिंसा का विरोध करना था।
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असदुद्दीन ओवैसी का स्पष्ट संदेश
AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बहरीन में अपने संबोधन में कहा,
“आतंकवादी संगठन भारत में निर्दोष लोगों की हत्या को सही ठहरा रहे हैं. वह क़ुरान की आयतों का ग़लत संदर्भ दे रहे हैं. हमें इसे ख़त्म करना होगा.”
उन्होंने आगे कहा कि,
“इस्लाम आतंकवाद की निंदा करता है और क़ुरान में लिखा है कि एक निर्दोष की हत्या पूरी मानवता की हत्या के बराबर है.”
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन शामिल थे?
इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे:
बैजयंत जय पांडा (बीजेपी सांसद),निशिकांत दुबे,फांगनोन कोन्याक,रेखा शर्मा,असदुद्दीन ओवैसी,सतनाम सिंह संधू,गुलाम नबी आज़ाद,हर्षवर्धन श्रृंगला (पूर्व विदेश सचिव)
अन्य देश भी दौरे में शामिल
प्रतिनिधिमंडल न सिर्फ बहरीन, बल्कि कुवैत, सऊदी अरब और अल्जीरिया की यात्रा पर भी जाएगा ताकि इस्लामी देशों में भारत की चिंता को साझा किया जा सके और वैश्विक समर्थन प्राप्त किया जा सके।
भारत यह संदेश देने में सफल रहा है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय सांसदों की यह पहल भारत की कूटनीतिक साख को मज़बूत करती है और साथ ही इस्लाम के नाम पर की जा रही हिंसा को बेनकाब करती है।