
भारत की अंडर-19 टीम इंग्लैंड के दौरे पर है और क्रिकेट के इस पारंपरिक घर में उन्हें अपनी प्रतिभा के साथ-साथ धैर्य और रणनीति की भी कठिन परीक्षा देनी होगी। कप्तान आयुष म्हात्रे और उपकप्तान अभिज्ञान कुंडु के नेतृत्व में युवा खिलाड़ी अपनी काबिलियत तो दिखाएंगे ही, लेकिन सवाल ये है कि क्या ये ब्रिगेड इंग्लैंड की स्विंगिंग पिचों, ठंडे और नमी भरे मौसम, और अनुभवी विपक्षी गेंदबाज़ों से निपट पाएगी?
इंग्लैंड का मौसम: सबसे बड़ा विरोधी
इंग्लैंड में जून-जुलाई का समय भले ही गर्मियों का हो, लेकिन यहां का तेज हवा, बादल और अक्सर बारिश की संभावना मैच की स्थिति को पूरी तरह बदल सकती है। ऐसे में बल्लेबाजों को गेंद के मूवमेंट से सावधान रहना होगा। खासकर स्विंग और सीम मूवमेंट युवा भारतीय खिलाड़ियों के लिए नई चुनौती पेश कर सकते हैं।
ये खिलाड़ी कर सकते हैं कमाल:
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वैभव सूर्यवंशी – आईपीएल में दिखा चुके हैं आक्रामक बैटिंग का दम। अब जरूरत होगी तकनीकी सूझबूझ की।
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अभिज्ञान कुंडु – बतौर उपकप्तान टीम को स्थिरता और नेतृत्व देंगे। मिडिल ऑर्डर में संकटमोचक बन सकते हैं।
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हरवंश सिंह और युधाजित गुहा – अगर गेंदबाज़ी में स्विंग का इस्तेमाल सही से कर पाए तो इंग्लैंड की धरती पर बड़ा असर डाल सकते हैं।
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प्रणव राघवेंद्र और एम चवडा – ऑलराउंड प्रदर्शन से बैलेंस बनाए रखेंगे।
टीम इंडिया U-19 (2025) इंग्लैंड दौरा स्क्वाड:
आयुष म्हात्रे (कप्तान), वैभव सूर्यवंशी, विहान मल्होत्रा, एम चवडा, राहुल कुमार, अभिज्ञान कुंडु (उपकप्तान), हरवंश सिंह, कनिष्क चौहान, खिलन पटेल, हेनिल पटेल, युधाजित गुहा, प्रणव राघवेंद्र, मोहम्मद इन्नान, आदित्य राणा, अमोलजीत सिंह
क्या है असली चुनौती?
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पिच का बर्ताव अलग होगा – बाउंस कम, स्विंग ज़्यादा।

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फिटनेस और माइंडसेट – लगातार मैचों और यात्रा में टीम की मानसिक मजबूती की परीक्षा होगी।
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इंग्लैंड के होम प्लेयर्स स्विंग, स्लेजिंग और रणनीति में माहिर होते हैं।
दौरे का कार्यक्रम:
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24 जून से शुरू
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1 वॉर्मअप मैच, 5 वनडे और 1 मल्टीडे मैच
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आखिरी मैच: 23 जुलाई 2025
यह दौरा केवल क्रिकेट नहीं, बल्कि एक मेंटल और टेक्निकल परीक्षा है। अगर भारत के युवा खिलाड़ी इंग्लैंड में प्रदर्शन कर पाए, तो न केवल वो सीनियर टीम के लिए दरवाजे खोलेंगे, बल्कि ये साबित कर देंगे कि भारत की क्रिकेट जड़ें सिर्फ उपमहाद्वीप तक सीमित नहीं।
