पहलगाम आतंकी हमला: NIA जांच में खुलासे, 4 लोकेशन थे टारगेट पर

सैफी हुसैन
सैफी हुसैन

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम को पहलगाम आतंकी हमले की जांच के दौरान कई सनसनीखेज जानकारियां मिली हैं। सूत्रों के अनुसार, इस हमले में शामिल आतंकी 15 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंच गए थे। इन आतंकियों ने हमले से पहले घाटी की चार जगहों की रेकी की थी, जिसमें आरु घाटी, एम्यूजमेंट पार्क और बेताब घाटी शामिल थीं। हालांकि इन स्थानों पर सुरक्षा कड़ी होने के कारण आतंकी वहां हमला नहीं कर सके।

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3 सेटेलाइट फोन से मिला सुराग

NIA को जांच के दौरान यह भी पता चला कि घाटी में हमले से पहले तीन सेटेलाइट फोन का इस्तेमाल हुआ था। इनमें से दो फोन के सिग्नल एजेंसियों द्वारा ट्रेस कर लिए गए हैं। यह फोन पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा अपने OGW (Over Ground Workers) के जरिए उपयोग किए गए थे।

20 OGW की पहचान, 4 ने की थी रेकी में मदद

अब तक करीब 20 OGW की पहचान हो चुकी है, जिनमें से कई को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से चार ओवर ग्राउंड वर्कर्स ने आतंकियों को पहलगाम और अन्य लोकेशन्स की रेकी कराने में मदद की। एजेंसियों ने करीब 2500 संदिग्धों की सूची में से 186 को हिरासत में लिया है।

मास्टरमाइंड हाशिम मूसा की पुष्टि

सबसे बड़ा खुलासा यह है कि हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा है, जो पाकिस्तान की पैरा मिलिट्री फोर्स SSG (Special Security Group) का पूर्व कमांडर रह चुका है। फिलहाल वह लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करता है और सितंबर 2023 में भारत में घुसपैठ कर चुका था। वह इस समय बडगाम जिले में सक्रिय था और उसे पहलगाम हमले की साजिश के लिए ही भेजा गया था।

48 पर्यटन स्थल बंद

इस हमले के बाद, जम्मू-कश्मीर सरकार ने 48 पर्यटन स्थलों को पर्यटकों के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। घाटी में कुल 87 पर्यटन स्थल हैं, और यह कदम पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

सुरक्षा बलों की कार्रवाई तेज

हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने गहन तलाशी अभियान तेज कर दिया है। NIA ने घटनास्थल पर पहुंच कर क्राइम सीन को रीक्रिएट किया और डिटेल्ड फॉरेंसिक एविडेंस जुटाए हैं।

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