जब रिश्ता हिंसक हो जाए: जानिए क्या करें, कैसे खुद को बचाएं

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

रिलेशनशिप का आधार प्रेम, सम्मान और आपसी समझ होता है, लेकिन जब यही रिश्ता हिंसा, डर और शोषण में बदलने लगे, तो यह एक गंभीर चेतावनी है। दुर्भाग्यवश, बहुत से लोग ऐसे रिश्तों में फंसे रहते हैं क्योंकि उन्हें डर होता है, सामाजिक दबाव होता है या वे यह मानते हैं कि हालात सुधर जाएंगे।

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इस लेख में जानिए हिंसक रिश्ते की पहचान, उससे निकलने के तरीके और अपने कानूनी व मानसिक अधिकारों के बारे में।

हिंसक रिश्ते की पहचान कैसे करें?

  1. शारीरिक हिंसा – थप्पड़ मारना, धक्का देना, मारपीट करना आदि।

  2. मानसिक या भावनात्मक शोषण – बार-बार अपमान करना, तिरस्कार, डराना-धमकाना।

  3. आर्थिक नियंत्रण – आपकी कमाई पर अधिकार जताना या खर्च न करने देना।

  4. सोशल आइसोलेशन – दोस्तों या परिवार से मिलने-जुलने से रोकना।

  5. यौन हिंसा – बिना सहमति के शारीरिक संबंध बनाना।

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ऐसे रिश्ते में बने रहना क्यों खतरनाक है?

  • स्वाभिमान और आत्मविश्वास खत्म हो सकता है

  • मानसिक रोग जैसे अवसाद और चिंता विकार का खतरा बढ़ जाता है

  • बच्चों पर नकारात्मक असर पड़ता है

  • जान का खतरा भी हो सकता है

क्या करें अगर रिश्ता हिंसक हो जाए?

1. अपने साथ हो रही हिंसा को पहचानें और स्वीकारें

चुप रहना समाधान नहीं है। सबसे पहले यह समझें कि हिंसा किसी भी रिश्ते में स्वीकार्य नहीं है।

2. विश्वासपात्र से बात करें

किसी करीबी दोस्त, रिश्तेदार या मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से बात करें। अकेले रहना और सब कुछ सहना आपको और कमजोर बना सकता है।

3. हेल्पलाइन नंबर याद रखें और संपर्क करें

भारत में महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए हेल्पलाइन मौजूद हैं:

  • महिला हेल्पलाइन – 1091

  • राष्ट्रीय महिला आयोग – 7827-170-170

  • नजदीकी पुलिस थाना या 112 (आपातकालीन सेवा)

4. सबूत इकट्ठा करें

अगर आप कानूनी कदम उठाने का सोच रहे हैं, तो हिंसा के सबूत (फोटो, वीडियो, मैसेज आदि) सुरक्षित रखें।

5. कानूनी सहायता लें

आप घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 (Domestic Violence Act) के तहत सुरक्षा और न्याय की मांग कर सकते हैं। मुफ्त कानूनी सहायता के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) से संपर्क करें।

6. आत्मनिर्भर बनें

आर्थिक और मानसिक आत्मनिर्भरता आपको मजबूती देती है। खुद के लिए नौकरी, स्किल्स और सपोर्ट नेटवर्क विकसित करें।

मानसिक स्वास्थ्य का रखें ख्याल

  • थेरेपी या काउंसलिंग लें

  • मेडिटेशन और योग से तनाव कम करें

  • खुद को दोष न दें — दोषी वो है जो हिंसा कर रहा है

याद रखें:

“प्यार के नाम पर कोई आपको तोड़ता है, तो वो प्यार नहीं शोषण है।”
आपको खुश, सुरक्षित और सम्मानित रहने का पूरा हक है।

हिंसक रिश्ते से बाहर निकलना मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह असंभव नहीं है। साहस, सही जानकारी और समर्थन से आप एक नई, सुरक्षित और सशक्त ज़िंदगी की शुरुआत कर सकते हैं।

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