नई दिल्ली। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की एक टिप्पणी को लेकर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने काफी हंगामा किया. व वाद में खरगे ने आसन से माफी मांगते हुए कहा कि उनका वयान सरकार के लिए था जो क्षेत्र के आधार पर वांटने का प्रयास कर रही है।
उच्च सदन में, जव शिक्षा मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा शुरू होने जा रही थी, उसी समय विपक्षी सदस्यों ने मांग की कि शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को तमिलनाडु सरकार के विरुद्ध की गयी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए । प्रधान ने सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत त्रि-भाषा नीति पर तमिलनाडु सरकार के रुख की आलोचना करते हुए उस पर आरोप लगाया था कि वह राजनीति के कारण छात्रों के जीवन को वर्वाद कर रही है।
इस टिप्पणी का द्रमुक के सदस्यों ने कड़ा विरोध करते हुए प्रधान से माफी की मांग की। हंगामे के बीच, आसन ने खरगे को वोलने का मौका दिया। उन्होंने कहा कि आज सुवह जव वह बोलने के लिए खड़े हुए थे, उस समय शिक्षा मंत्री सदन में मौजूद नहीं थे। इस पर उपसभापति हरिवंश ने उनसे कहा कि इस समय शिक्षा मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा होनी है और खरगे को यह होने देना चाहिए।
इसके बाद उन्होंने एक ऐसे शव्द का प्रयोग किया जो असंसदीय था । इस शब्द का विरोध करते हुए सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने आसन के प्रति वहुत गलत भाषा का प्रयोग किया है।
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