
जिस खाकी वर्दी को देखकर लोग खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं, वही वर्दी एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है।
गाजियाबाद के शालीमार गार्डन इलाके में दिल्ली पुलिस के एक सिपाही ने ऐसा शर्मनाक कारनामा कर डाला, जिसने कानून की रखवाली पर ही सवाल खड़े कर दिए।
शालीमार गार्डन में क्या हुआ?
जानकारी के मुताबिक— आरोपी दिल्ली पुलिस का सिपाही है। उसने एक महिला के कान से कुंडल खींचकर भागने की कोशिश की। महिला के चीखने पर आसपास मौजूद लोग मौके पर पहुंचे। भागने से पहले ही आरोपी को पकड़ लिया गया
भीड़ का गुस्सा इतना था कि आरोपी की मौके पर पिटाई भी हो गई।
भीड़ ने खुद पहुंचाया थाने
घटना के बाद लोगों ने आरोपी को खुद ही थाने ले जाकर पुलिस के हवाले कर दिया।
पूछताछ में आरोपी सिपाही ने— कुंडल छीनने की बात कबूल की। बताया कि वारदात के समय वह नशे में था। पुलिस ने तुरंत केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
नशा या नीयत?
यह मामला सिर्फ चोरी का नहीं, बल्कि वर्दी की साख से जुड़ा सवाल बन गया है। जिस पुलिस पर कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है, वही अगर अपराध करे—तो भरोसा किस पर?

“कानून का डंडा हाथ में था, लेकिन नीयत फिसल गई।”
आगे क्या?
फिलहाल आरोपी के खिलाफ— संबंधित धाराओं में केस, विभागीय कार्रवाई की भी तैयारी।
यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि— वर्दी सम्मान देती है, लाइसेंस नहीं। और जब वही भरोसा टूटता है, तो असर सिर्फ एक वारदात तक सीमित नहीं रहता।
Yamuna Expressway Accident: घने कोहरे में भीषण हादसा, 13 की मौत
