“700 कंपनियां , 220 चेहरे और अरबों का खेल! सिरप माफिया की कुंडली”

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

उत्तर प्रदेश, गुजरात और झारखंड में 40 घंटे से ज्यादा चली प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ताबड़तोड़ छापेमारी ने एक ऐसे महाघोटाले से पर्दा उठा दिया है, जिसे देखकर खुद जांच एजेंसियां भी चौंक गई हैं।

प्राथमिक जांच में सामने आया है कि 220 संचालकों के नाम पर 700 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाई गईं और इन्हीं कागजी फर्मों के जरिए अरबों रुपये की काली कमाई को सफेद किया गया।

ईडी सूत्रों का दावा है कि उत्तर प्रदेश में इतना संगठित और मल्टी-लेयर फ्रॉड पहली बार उजागर हुआ है, जिसने पूरे सिस्टम की कमजोरियों को बेनकाब कर दिया।

कागजों पर बनीं 700+ फर्जी कंपनियां

ईडी ने 25 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की, जहां जो तस्वीर सामने आई वह चौंकाने वाली थी। 700 से ज्यादा कंपनियां। ज्यादातर सिर्फ कागजों पर मौजूद। जिन लोगों को डायरेक्टर या अधिकृत प्रतिनिधि बताया गया, उनका जमीन पर कोई वजूद नहीं। एक वरिष्ठ ईडी अधिकारी के अनुसार, “हर स्टेप पर ऐसा फर्जीवाड़ा किया गया कि सिस्टम खुद कठपुतली बन गया।”

दवा कंपनी के अफसर भी शक के घेरे में

जांच में यह भी सामने आया है कि फेंसेडिल (Cough Syrup) बनाने वाली कंपनी के कई अधिकारियों को इस अवैध नेटवर्क की पूरी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने आंखें मूंदे रखीं। यूपी STF के ASP लाल प्रताप सिंह पहले ही अपनी जांच में इशारा कर चुके थे कि दवा कंपनियों के अंदर बैठे लोग भी कार्रवाई से नहीं बचेंगे। अब ED की एंट्री ने इस एंगल को और मजबूत कर दिया है।

ED की दस्तक से मास्टरमाइंडों में हड़कंप

STF की चार्जशीट के बाद भी शुभम जायसवाल पूर्व सांसद का करीबी आलोक सिंह और अमित टाटा खुद को सुरक्षित मान रहे थे।

लेकिन जैसे ही ED ने मनी लॉन्ड्रिंग एंगल, बैंक ट्रांजैक्शन, प्रॉपर्टी ट्रेल पर काम शुरू किया, पूरे नेटवर्क में खलबली मच गई

बैंक खातों से संदिग्ध लेन-देन का जाल

ईडी सूत्रों के मुताबिक— शुभम जायसवाल (जो फिलहाल दुबई में छिपा बताया जा रहा है) आलोक सिंह, अमित टाटा और शुभम के पिता भोला प्रसाद जायसवाल इन सभी के खातों में भारी संदिग्ध लेन-देन पाए गए हैं।

इतना ही नहीं— फर्जी कंपनियों के नाम पर खुले खातों में। कई ट्रांजैक्शन ऐसे हैं जिनका कोई एंड-यूज ट्रेस नहीं। रांची और धनबाद से जुड़े खातों में भी बड़ी रकम का मूवमेंट सामने आया है।

जांच और बढ़ेगी, और नाम आएंगे सामने

ईडी अब GST विभाग से फर्जी फर्मों की पूरी लिस्ट और टैक्स डेटा का इंतजार कर रही है। सूत्रों का मानना है कि आने वाले दिनों में कई नए नाम, नई फर्में और नई प्रॉपर्टी का खुलासा होगा। ईडी जल्द ही इस काली कमाई से खरीदी गई संपत्तियों को अटैच (जब्त) करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।

केस सिर्फ कफ सिरप का नहीं, बल्कि फर्जी कंपनियों, शेल अकाउंट्स और सिस्टम की खामियों का आईना है। और अब साफ है— ED की एंट्री के बाद यह घोटाला और बड़ा होने वाला है।

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