
अफ्रीका के संघर्षग्रस्त देश Sudan से आई खबर ने संयुक्त राष्ट्र (UN) की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। शनिवार को South Kordofan राज्य की राजधानी Kadugli में स्थित UNISFA camp पर हुए drone attack में बांग्लादेश के 6 UN peacekeepers की मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं।
शांति स्थापना के लिए भेजे गए सैनिक खुद शांति की कीमत चुका बैठे।
UNISFA ने क्या बताया?
संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल UNISFA के मुताबिक, 6 Bangladeshi peacekeepers की मौत। 6 से अधिक घायल, जिनमें 4 की हालत नाज़ुक। हमला सीधे UN camp को निशाना बनाकर किया गया। यह वही इलाका है जो Sudan और South Sudan के बीच वर्षों से विवाद का केंद्र रहा है।
Antonio Guterres का कड़ा संदेश
UN महासचिव Antonio Guterres ने इस हमले को “horrific” बताते हुए कहा कि— “UN peacekeepers पर हमला अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत war crime की श्रेणी में आ सकता है।”
मतलब साफ है—यह सिर्फ हमला नहीं, कानून को चुनौती है।
Bangladesh का दर्द और सख़्त रुख
Bangladesh की अंतरिम सरकार के प्रमुख Mohammad Yunus ने गहरा शोक जताते हुए कहा- सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। UN से तत्काल medical और emergency support की मांग। हमले की कड़ी निंदा।
विदेश मंत्रालय ने भी इसे अमानवीय और अस्वीकार्य बताया।

सवाल जो दुनिया से पूछे जाने चाहिए (Soft Satire)
- अगर शांति सैनिक सुरक्षित नहीं, तो शांति किसकी?
- Drone technology किसकी है, लेकिन खून किसका बह रहा है?
- Global powers की संवेदनाएं सिर्फ statements तक क्यों सीमित?
कभी-कभी लगता है कि UN flag अब सुरक्षा की नहीं, सॉफ्ट टार्गेट की पहचान बनता जा रहा है।
Abyei Region: Conflict का स्थायी विस्फोटक ज़ोन
Abyei क्षेत्र:
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तेल-समृद्ध
- Sudan–South Sudan के बीच विवादित
- दशकों से militarization का शिकार
UN peacekeepers यहां buffer बनने आते हैं, लेकिन अक्सर बलि का बकरा बन जाते हैं।
यह हमला सिर्फ Bangladesh या UN पर नहीं, बल्कि global peacekeeping system पर हमला है। अगर जवाबदेही तय नहीं हुई, तो अगली खबर किसी और देश के सैनिकों की हो सकती है।
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