
शनिवार, 13 दिसंबर को आए केरल स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजों ने राजनीति का टेम्परेचर बढ़ा दिया। जिस राज्य को अब तक Left vs Congress की जंग माना जाता था, वहां BJP-led NDA ने ऐसा ब्रेकथ्रू दिया कि सब चौंक गए।
तिरुवनंतपुरम में NDA का इतिहास
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम की 101 सदस्यीय नगर निगम में NDA ने 50 सीटें जीतकर अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन किया।
यह सिर्फ सीटों की जीत नहीं, बल्कि केरल की राजनीति में NDA की एंट्री का अलार्म है।
आंकड़ों में चुनावी तस्वीर
हालांकि कुल वार्डों में अब भी बड़े खिलाड़ी मौजूद हैं—
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UDF (कांग्रेस गठबंधन): 3155 वार्डों में बढ़त
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LDF (लेफ्ट): 2566 वार्डों में आगे
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NDA: 577 वार्डों में मजबूत लीड
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अन्य दल: 532 वार्ड
लेकिन असली चर्चा शहरों और खासकर सेंटर-साउथ केरल में NDA की बढ़ती पकड़ की है।
PM Modi का सियासी स्ट्राइक
नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर सीधे UDF और LDF पर निशाना साधा।

उन्होंने लिखा— “केरल UDF और LDF से तंग आ चुका है। लोग NDA को एकमात्र विकल्प मान रहे हैं जो good governance और विकसित केरल दे सकता है।”
यानी साफ संदेश — अब केरल सिर्फ विकल्प नहीं, बदलाव चाहता है।
‘Thank You Thiruvananthapuram!’
PM मोदी ने खास तौर पर तिरुवनंतपुरम को धन्यवाद कहते हुए लिखा— “नगर निगम में NDA को मिला जनादेश केरल की राजनीति का ऐतिहासिक क्षण है।”
उन्होंने भरोसा जताया कि Urban डेवलपमेंट, Better quality of लाइफ, Governance with opportunities सब NDA की प्राथमिकता होगी।
कार्यकर्ताओं को सलाम
प्रधानमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं की जमकर तारीफ की— “पीढ़ियों से संघर्ष कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं का आज का दिन है। हमारे कार्यकर्ता हमारी ताकत हैं।”
सियासी भाषा में इसका मतलब— Ground तैयार था, अब फसल दिखने लगी है।
समझिए केरल की पॉलिटिक्स
सालों तक कहा गया—
केरल में BJP नहीं चल सकती NDA का कोई चांस नहीं। अब नतीजे कह रहे हैं— “Politics is dynamic, not permanent.”
Left-Right की थकान के बीच NDA ने केरल में नई कहानी की एंट्री कर दी है।
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