Pakistan–Bangladesh- पाक नेवी कमांडर के ढाका दौरे से बढ़ी हलचल

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

नई दिल्ली में भारत और बांग्लादेश के NSA की अहम बैठक के कुछ ही दिन बाद, ढाका में पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों का तगड़ा जमावड़ा शुरू हो गया।
मो. यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश सरकार अपने नए मेहमानों का स्वागत कुछ ऐसे कर रही है जैसे इंडिया की चिंताओं का no entry board लगा दिया हो।

साउथ ब्लॉक का माहौल इस समय कुछ ऐसा: “हम बात कर रहे थे सुरक्षा की… और उधर मेहमान-पाकिस्तान से बुलाए जा रहे हैं!”

पाकिस्तानी नेवी कमांडर का हाई-प्रोफाइल ढाका दौरा

नॉर्थईस्ट न्यूज के मुताबिक, कमोडोर जिया उर रहमान, पाकिस्तान नेवी अकादमी के कमांडेंट, 6 दिसंबर को ढाका एयरपोर्ट पहुंचे।
उनके साथ थे— Lt. Commander नोमान असलम, पाकिस्तान नेवी के दो कैडेट।

डेलिगेशन एयरपोर्ट से निकलते ही सीधे चटगांव रवाना हो गया, जहां बांग्लादेश स्पेशल ब्रांच उन्हें 24×7 सुरक्षा दे रही है। ये कोई एकबारगी विज़िट नहीं—यह पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों का तीसरा बड़ा दौरा है। पहले एडमिरल नवीद अशरफ भी नवंबर में पहुँच चुके हैं।

यानी बांग्लादेश में “पाक मिलिट्री VIP लाउंज” खुल चुका है!

यूनुस सरकार आखिर क्यों बुला रही है पाक सैन्य अधिकारी?

रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह इनविटेशन सीधे Lt. General एसएम कमरुल हसन ने दिया, और मंजूरी मिली— चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस से आर्मी चीफ जनरल वकर-उज-जमान से।

NSAs की भारत–बांग्लादेश बैठक के तुरंत बाद इस तरह के लगातार दौरे गंभीर सवाल खड़े करते हैं- क्या ढाका नई स्ट्रैटेजिक दिशा चुन रहा है?
या फिर पाकिस्तान की ओर झुकाव सिर्फ “Delhi को मैसेज” देने का तरीका है?

India के करीब एयरबेस अपग्रेडेशन—नई चिंता

ढाका सरकार सिर्फ पाकिस्तानी मेहमानों को नहीं बुला रही, बल्कि लालमोनिरहाट एयरबेस का भी अपग्रेडेशन कर रही है— जो कि भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) से सिर्फ 20 km दूर है।

रिपोर्ट्स ये भी कहती हैं कि—पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी, ISI एजेंट पहले ही इस एयरबेस का निरीक्षण कर चुके हैं।

मई में बांग्लादेशी सेना ने कहा था कि भारत को खतरा पैदा करने जैसा कुछ नहीं होगा, लेकिन पाकिस्तान के लगातार दौरे इस बयान को “क्लासिक diplomatic fiction” बना देते हैं।

भारत की चिंता—बिना कुछ कहे भी साफ!

भारत और बांग्लादेश के रिश्ते लंबे समय से मजबूत रहे हैं। लेकिन ढाका का अचानक पाकिस्तान-पास जाना, खासकर NSA-level बातचीत के बाद, दिल्ली के लिए एक साफ मैसेज है—“सिर्फ वार्ता नहीं, भू-राजनीति भी चल रही है।”

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