Modi-Putin: “Visa Free का प्यार और Deals की बौछार!”

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुए India-Russia Summit 2025 ने एक बार फिर साबित कर दिया कि चाहे दुनिया में कितनी ही भू-राजनीतिक उठापटक क्यों न हो, India–Russia Dosti अपनी ही अलग लीग में खेलती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कई बड़े फैसलों और समझौतों पर मुहर लगा दी।

और हां—जैसा कि हर Summit में होता है, इस बार भी कैमरों की फ्लैश और दुनिया की नज़रें दोनों नेताओं पर जमी रहीं।

सबसे बड़ा गिफ्ट: Russians के लिए 30-Day Free e-Tourist Visa

PM मोदी ने घोषणा की कि रूसी नागरिकों को भारत आने पर 30 दिन का Free e-Tourist Visa मिलेगा। मतलब अब गोवा के बीच पर रूसी टूरिस्ट की संख्या में “expected turbulence” आने वाला है—वो भी positive! ये कदम सीधे-सीधे Tourism Boost और People-to-People connect को नई रफ्तार देगा।

मोदी-पुतिन वार्ता में हुए सुपर-इम्पोर्टेंट Agreements

Summit में सिर्फ फोटो नहीं खिंचे—टोटल 2030 तक active होने वाले कई strategic agreements साइन हुए। इनमें शामिल हैं:

1. Health & Medical Education Cooperation

भारत और रूस मिलकर मेडिकल रिसर्च, एक्सचेंज प्रोग्राम और हेल्थ टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाएंगे।

2. Polar Ships & Maritime Cooperation

आर्कटिक रूट्स में कोलैबोरेशन—क्योंकि Russia के पास Ice और India के पास Ideas की कोई कमी नहीं।

3. Shipping & Transport Agreements

लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी बढ़ेगी, खासकर Chennai–Vladivostok Maritime Corridor के संदर्भ में।

4. Fertilizer & Food Safety Agreements

कृषि सप्लाई-चेन और उर्वरक सुरक्षा पर बड़े कदम। किसान भाई खुश!

5. Labour, Migration & Temporary Worker Accord

दोनों देशों के श्रमिकों और वर्कफोर्स के लिए एक structured pathway—ग्लोबल Mobility में Boost।

Joint Statement का Hidden Message

Joint statement में India-Russia ने साफ कहा—  strategic partnership not only intact, but stronger than ever.

एक तरह से यह दुनिया को subtle लेकिन strong संकेत है कि geopolitics बदल सकती है, लेकिन “Dosti 1.0” अभी भी full version में चल रही है।

हैदराबाद हाउस बना ‘हॉटस्पॉट ऑफ डिप्लोमेसी’

स्ट्रेट बात— जहां बाकी देश तनाव में हैं, वहीं भारत और रूस बैठकर future की blueprint तैयार कर रहे हैं। कुछ देशों ने तो ये देखकर Google पर टाइप कर दिया होगा— “How to maintain long-term friendship in geopolitics?”

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