
देशभर में बच्चों की मौतों से जुड़े ‘जहरीले कोडीन कफ सिरप’ तस्करी केस पर खामोश चल रहे “कथित मास्टरमाइंड” शुभम जायसवाल ने आखिरकार अपना मौन तोड़ दिया।
और क्या एंट्री मारी! सीधे–सीधे 13 मिनट का ‘ड्रामेटिक वीडियो स्टेटमेंट’… जैसे खुद की ही डॉक्यूमेंट्री का प्रीमियर कर दिया हो।
जांच एजेंसियां हैरान, नेता परेशान, और जनता कंफ्यूज़— कहानी में ट्विस्ट आ चुका है!
‘जहरीला सिरप बेचने’ के आरोपों पर जायसवाल का पलटवार: “भैया, ये सब गलतफहमी का प्रोडक्शन है!”
शुभम ने सबसे पहले उन आरोपों को नकारा, जिनमें कहा गया था कि उसने नकली और जहरीले कफ सिरप बेचकर बच्चों की जान खतरे में डाली।
उसका कहना है—“Phensydil Cough Syrup कोई ‘Breaking Bad’ वाला मिक्सचर नहीं…ये तो नॉर्मल खांसी की दवा है!”
शुभम का दावा है कि उसकी सप्लाई से एक भी बच्चे की मौत नहीं हुई और दवा पूरी तरह लीगल है—न नारकोटिक, न जहरीली।
(मतलब उसकी मानें तो पूरा मामला ‘मिसअंडरस्टैंडिंग 2.0’ है)
MP में हुई बच्चों की मौत? ‘हमारा माल नहीं था’, शुभम की सफाई
सबसे बड़ा क्लाइमेक्स— शुभम ने मध्य प्रदेश में हुई बच्चों की मौत से जुड़े सिरप को पूरी तरह अलग दवा बताया। यहां उसने एकदम कॉर्पोरेट अंदाज़ में कहा— “हम तो Abott कंपनी की दवा सप्लाई करते थे… वो वाला सिरप हमारा नहीं था।”
साथ ही समझाया कि कोडीन फॉस्फेट का पूरा कोटा भारत सरकार तय करती है— यानी, उसका व्यापार “Rule Book Friendly” था।
राजनीति पर तंज: “मेरे नाम से टीआरपी और भाषण दोनों मत बनाइए”
वीडियो में शुभम ने नेताओं को भी मैसेज दे डाला— “प्लीज पॉलिटिक्स मत कीजिए, जनता को कन्फ्यूज़ मत कीजिए।”
यानी, उसका कहना है कि वह तो RTI लेकर, लाइसेंस देखकर, बैंक अकाउंट में पेमेंट लेकर कानूनी तरीके से कारोबार कर रहा था। अगर ये कोर्ट में भी ऐसे ही बोलेगा, तो जज साहब भी सोच में पड़ जाएँगे कि इसे जमानत दूँ या न्यूज चैनल में स्लॉट दिलवाऊँ!

‘जब अधिकारी पैसे मांगें तो क्या करें?’ — शुभम के गंभीर आरोप
शुभम ने दावा किया कि कुछ ड्रग अफ़सरों ने उससे पैसे मांगे, और न देने पर उसका नाम जबरन मामले में लिखवा दिया। साथ में बताया कि जो माल गाजियाबाद और सोनभद्र में पकड़ा गया, वह उसकी फर्म ‘शैली ट्रेडर्स’ का नहीं, बल्कि दिल्ली की एक फर्म का था।
जिसे सुनकर दर्शक सोच में—“तो फिर मीडिया में तेरी फोटो क्यों वायरल हो रही भाई?”
राजा ज्योति आनंद सिंह की मौत—‘सिरप नहीं, शराब’ का मामला?
शुभम ने यह भी कहा कि मौत सिरप से नहीं, बल्कि— “Excessive शराब पीने से हुई थी।”
परिवार वालों पर भी उसने धमकाने और पैसे मांगने का आरोप लगाया। इस केस में कौन किसे फंसा रहा है— यह जानने के लिए शायद Netflix को भी रिसर्च करनी पड़े।
अंत में—मुख्यमंत्री से ‘न्याय’ की अपील, और जनता से ‘धैर्य’ की
वीडियो के अंत में शुभम ने कहा कि वह डर के कारण सामने नहीं आ रहा और मुख्यमंत्री से न्याय की मांग की। मतलब पूरा वीडियो एक लाइन में— “मैं दोषी नहीं, मैं परिस्थितियों का शिकार हूँ!”
कहानी में ड्रामा है, राजनीति है, जांच एजेंसियां हैं, RTI है…और अब वायरल वीडियो भी।
Case अभी खत्म नहीं हुआ— Episode 2 जल्द आ सकता है।
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