Ambedkar Quotes: UPSC वालों का दिमाग खोलने वाला Booster Dose

Prabhash Bahadur civil services mentor
Prabhash Bahadur Civil Services Mentor

UPSC की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स जानते हैं कि सिर्फ किताबों से ज़्यादा, सोच की भी जरूरत होती है। और सोच की फैक्ट्री अगर किसी ने खड़ी की थी—तो वह थे डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर
Ph.D., कानून, अर्थशास्त्र और सामाजिक सुधार—सब कुछ ऐसा जैसे किसी ने “All Subjects Topper” मोड अनलॉक कर लिया हो।

उनके विचार सिर्फ प्रेरक नहीं, बल्कि आज भी UPSC वाले स्टूडेंट को वही एहसास दिलाते हैं कि— “पढ़ाई केवल परीक्षा के लिए नहीं, समाज बदलने के लिए भी होती है।”

अपनी किस्मत से ज़्यादा अपनी क्षमता पर भरोसा करो

“अपने भाग्य के बजाए अपनी मजबूती पर विश्वास करो।” UPSC वाला यह लाइन पढ़कर कहता है-“भाई… काश Prelims के दिन मेरी मजबूती answer key में भी दिख जाए!”

कानून और व्यवस्था: देश का Painkiller

“कानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है…” अंबेडकर जी का सीधा मैसेज यह था कि जब सिस्टम बीमार हो, तो सुधार जरूरी है। सीधे शब्दों में — “Democracy is not auto-correct, it needs manual repairing.”

शिक्षा सबके लिए—क्योंकि कोई ‘optional’ नहीं है

“शिक्षा जितनी पुरुषों के लिए, उतनी ही महिलाओं के लिए भी आवश्यक है।” यह लाइन 2025 की दुनिया में भी रियलिटी-चेक देती है—Education is not luxury, it’s oxygen.

इतिहास मत भूलो — UPSC की भी यही Warning है

“वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास को भूल जाते हैं।” UPSC aspirants: “Sir, सिर्फ नहीं भूलते—याद करते-करते याददाश्त तक भूल जाते हैं!”

सामाजिक स्वतंत्रता के बिना बाकी सब कल्पना है

“जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते…” अंबेडकर ने यह साफ कर दिया था कि Equality सिर्फ किताबों में नहीं, ज़मीन पर दिखनी चाहिए।

विचार भी नश्वर होते हैं—इसलिए उन्हें फैलाओ

“एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरूरत होती है…” Side Note- UPSC वाले इसे पढ़कर घबरा जाते हैं— “इतने नोट्स फैला लिए… अब selection भी फैलाओ न भाई!”

महानता वही जो समाज की सेवा में लगे

“एक महान आदमी समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है।” आज की भाषा में — “Be Public Servant by heart, not just by exam.”

बुद्धि का विकास ही जीवन का अंतिम लक्ष्य

“बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।” यही वजह है कि अंबेडकर के विचार सिर्फ पढ़े नहीं जाते— जीए जाते हैं।

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