
देशभर की सुरक्षा एजेंसियों के लिए सालों से सिरदर्द बना टॉप नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा आखिरकार ढेर हो गया। लगभग 1 करोड़ के इनाम वाला यह मोस्ट वांटेड खूंखार नक्सली आज मरेडपल्ली के जंगलों में सुरक्षा बलों से मुठभेड़ के दौरान मारा गया। साथ में उसकी पत्नी और चार अन्य हार्डकोर नक्सली भी ढेर हुए। और हां—मुठभेड़ अभी भी जारी है। यानि जंगल में अभी भी ‘ऑपरेशन क्लीनअप’ ऑन मोड में है।
कौन था माड़वी हिडमा? 26+ हमलों का ‘मास्टरमाइंड’
हिडमा पिछले कई बड़े नक्सली हमलों का प्रमुख चेहरा था:
- 26 से ज्यादा नक्सली हमलों का आरोपी
- कांग्रेस नेताओं की हत्या में शामिल
- CRPF जवानों के कई नरसंहार में भूमिका
- छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्र—तीनों राज्यों में वांछित
सरकार ने उस पर ₹1 करोड़ का इनाम रखा था। उसका ट्रैक रिकॉर्ड इतना खतरनाक कि सुरक्षा एजेंसियों में अक्सर उसे “India’s Deadliest Maoist Commander” कहा जाता था।
मुठभेड़ कैसे शुरू हुई?—मरेडपल्ली जंगल बना रणभूमि
आंध्र प्रदेश की सीमा के पास घने मरेडपल्ली जंगल में सुरक्षा बलों की टीम गश्त पर थी। उसी दौरान नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा बलों ने पलटवार किया और यह बड़ी मुठभेड़ शुरू हुई। ऑपरेशन में शामिल टीमों में:
- CRPF
- कोबरा कमांडो
- छत्तीसगढ़ पुलिस
- आंध्र स्पेशल फोर्सेज
सब एक साथ समन्वय में काम कर रही थीं।

हिडमा का अंत: नक्सल नेटवर्क पर सबसे बड़ा झटका?
हिडमा के मारे जाने को नक्सल संगठन के लिए सबसे बड़ा स्ट्रैटेजिक नुकसान माना जा रहा है। सालों तक जंगल में छुपकर ऑपरेशन चलाने वाला यह कमांडर अब आखिरकार सुरक्षा बलों की कार्रवाई में ढेर हो गया।
अनुमान है कि उसके गिरने के बाद:
- उस क्षेत्र में नक्सली मोराल गिरेगा
- कई हमले योजनाएं ठप हो जाएंगी
- जंगलों में संगठन का नेटवर्क कमजोर पड़ेगा
इतने सालों तक करोड़ों का इनाम सिर पर रखकर घूमने वाला हिडमा आखिरकार वहीं पकड़ा गया जहाँ वो खुद को “अदृश्य” मानता था— जंगल के बीच, GPS भी शर्माए ऐसे इलाके में!
ऑपरेशन अभी खत्म नहीं… लेकिन सबसे बड़ा Target डाउन!
मुठभेड़ जारी है और सुरक्षा बल स्थिति पर पूरी तरह नियंत्रण में हैं। हिडमा का अंत नक्सल हिंसा पर एक बड़ा स्ट्राइक माना जा रहा है।
अब नज़र बाकी बचे हथियारबंद समूहों पर है— जिन पर जल्द ही अगला वार होना तय है।
