
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने देर रात राजनीतिक ‘क्लीनअप ऑपरेशन’ चला दिया। पार्टी ने 11 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया — वो भी “सोशल मीडिया स्टाइल” में।
शनिवार देर रात जारी बयान में पार्टी ने लिखा — “पार्टी विरोधी आचरण व गतिविधियों में शामिल पाए गए सदस्यों को तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया जाता है।”
यानि सस्पेंशन नहीं, डायरेक्ट अनइंस्टॉल।
कौन-कौन हुए बाहर? “11 नाम और एक बड़ा मैसेज”
JDU की इस ‘रातों-रात एक्सपल्शन लिस्ट’ में शामिल हैं — शैलेश कुमार, संजय प्रसाद, श्याम बहादुर सिंह, रणविजय सिंह, सुदर्शन कुमार, अमर कुमार सिंह, आसमा परवीन, लब कुमार, आशा सुमन, दिव्यांशु भारद्वाज और विवेक शुक्ला।
यानी अब ये नेता न JDU ऑफिस जा सकते हैं, न JDU वॉट्सऐप ग्रुप में रह सकते हैं।
पार्टी का बयान: “हम चुनाव मोड में हैं, गद्दारी नहीं चलेगी”
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कई नेता “टिकट की चाहत में डबल गेम” खेल रहे थे। कुछ विपक्षी नेताओं से गुप्त मीटिंग्स और अंदरखाने विरोधी गतिविधियाँ पकड़ी गईं। इस पर पार्टी ने कहा — “जब JDU संघर्ष कर रही है, तब पार्टी विरोध करना आत्मघाती कदम है।”
सादे शब्दों में — “जो हमारे साथ नहीं, वो अब बाहर हैं।”

2025 के लिए ‘फिल्टर क्लीनिंग’ शुरू
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जेडीयू ने चुनाव से पहले “हाउस क्लीनिंग ड्राइव” शुरू कर दी है। नितीश कुमार नहीं चाहते कि अंदरूनी गुटबाज़ी से पार्टी को नुकसान हो।
“JDU ने दिखा दिया कि ये पार्टी WhatsApp ग्रुप की तरह है— inactive या विरोधी हुए तो admin तुरंत निकाल देता है!”
चुनावी संकेत साफ: “Team Nitish” में अब सिर्फ ‘Loyal Players’
जेडीयू का यह कदम बताता है कि 2025 का चुनाव नजदीक है और पार्टी अब “नो-ड्रामा मोड” में आ चुकी है। जो भी पार्टी लाइन से हटेगा, उसके लिए बाहर का रास्ता खुला है।
“JDU में अब सिर्फ वही बचे हैं जो या तो बेहद वफादार हैं… या फिर नामांकन फॉर्म भर चुके हैं।”
“बिहार की सियासत में अब टिकट से पहले टिके रहना जरूरी है”
11 नेताओं की छुट्टी के बाद जेडीयू ने साफ मैसेज दिया है — बिहार की राजनीति अब ‘साइलेंट डिलीट’ के दौर में है। जहां पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं, सिर्फ ‘एक ट्वीट और बाहर’ का नियम लागू है।
