यू-टर्न पर यू-टर्न! JMM को चाहिए सीटें या सस्पेंस स्क्रिप्ट?

Ajay Gupta
Ajay Gupta

Breaking News नहीं, ‘Twisting News’ बन चुका है बिहार चुनाव। झारखंड से आए मेहमान हेमंत सोरेन ने फिर मारी पलटी, और इस बार इतनी तेज़ कि खुद राजनीति भी चौंक गई।

पहले बोले — 16 सीटों पर लड़ेंगे।
फिर बोले — नहीं नहीं, 12 ठीक हैं।
कुछ दिन बाद — चलो भाई, 3 सीट दे दो।
और अब? बोले — “भाई, हम तो चुनाव ही नहीं लड़ेंगे!”

तो आखिर JMM चाहती क्या है?

कुछ जानकारों का मानना है कि JMM का असली मकसद चुनाव लड़ना नहीं, हैडलाइन बनाना है। पार्टी प्रवक्ता सुदीप कुमार सोनू ने गिरिडीह में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा — “बड़े अफसोस के साथ बता रहे हैं कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में हम भाग नहीं ले रहे हैं। कांग्रेस ने हमें बात तक नहीं करने दी।”

अब ये बताइए — पहले तो 28 सीटों की लिस्ट बना ली, फिर 22 पर मामूली अंतर से हार का डेटा निकाला, और जब कुछ हाथ न लगा तो प्रेस कॉन्फ्रेंस में “अफसोस” बेच डाला।

“यू-टर्न स्पेशलिस्ट ऑफ द ईयर” अवॉर्ड के प्रबल दावेदार

भाजपा नेता प्रतुल शाह तो JMM पर कुछ ज्यादा ही क्रिएटिव हो गए। बोले — “अब JMM का नाम बदलकर JMMU कर देना चाहिए। ‘U’ मतलब ‘U-Turn’।”

“पहले 16 सीट, फिर 12, फिर 3 सीटों की भीख, फिर महागठबंधन को लताड़ और अंत में… बड़ा यू-टर्न।”

सीट नहीं मिली, तो स्टेज ही छोड़ दिया!

JMM के अनुसार, उन्हें गठबंधन में शामिल नहीं किया गया, कांग्रेस ने भाव नहीं दिया और RJD ने इनबॉक्स भी नहीं देखा। तो नाराज़ होकर पार्टी ने सोचा — “अब तो हम बिहार की राजनीति से ही Uninstall हो जाते हैं!”

बिहार चुनाव 2025 की शुरुआत ही ड्रामा से हो चुकी है। JMM का यू-टर्न न सिर्फ गठबंधन की राजनीति पर सवाल उठा रहा है, बल्कि यह भी दिखा रहा है कि आज की राजनीति में संख्या से ज्यादा “न्यूज़ में बने रहना” जरूरी है।

हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली JMM ने बिहार चुनाव में अकेले लड़ने का ऐलान किया था, लेकिन अब मैदान से हट गई है — और इसके लिए कांग्रेस और महागठबंधन को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है।

तो अगला यू-टर्न कब और किसका? बिहार की सियासत में जवाब से ज्यादा सवाल हैं!

“मैं हूं रूमी दरवाजा… ना की तुम्हारी पार्किंग लॉट ”लखनऊ वालों” !”

Related posts

Leave a Comment