
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में नामांकन बंद, बयान चालू। INDIA गठबंधन को जितनी चिंता सीट जीतने की नहीं है, उससे ज़्यादा चिंता “सीट किसकी होगी?” की हो गई है। दूसरी ओर NDA टीम… थोड़ी सीधी चल रही है, पर वहां भी ‘पलटी मार’ का खेल ज़ोरों पर है।
JMM बोला: “INDIA नहीं, हम झारखंड हैं!”
INDIA गठबंधन को तगड़ा झटका तब लगा जब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने लिए बिहार की 6 सीटें रिज़र्व कर लीं – और वो भी “सिंगल प्लेयर मोड” में। गठबंधन के खेमे में नया जोड़ होने की उम्मीद थी, लेकिन यहां तो सिलाई के पहले ही धागे फटने लगे।
RJD vs Congress: सीट है मेरी, उम्मीदवार भी मेरा, गुस्सा… तुम्हारा!
राजद (RJD) ने कई सीटों पर अपने सहयोगियों को बिना पूछे ही टिकट बांट दिए – “भाई पूछना ज़रूरी थोड़े है, हम तो गठबंधन में बड़े हैं!” वाला रवैया अपनाया। कांग्रेस ने 48 नाम घोषित किए, फिर 5 और… फिर AIMIM से नेता उठा कर टिकट भी दे दिया। अब AIMIM से आए नेता को देख कांग्रेस के पुराने विधायक बोले, “भाई अगर टिकट बिक ही रहा है, तो OLX पर ही डाल देते!”
8 सीटों पर भिड़ंत – गठबंधन के अंदर ही ट्रायल मैच!
कम से कम 8 सीटों पर ऐसा लग रहा है जैसे गठबंधन अंदर ही IPL-style practice match खेल रहा हो – “RJD vs Congress – Who will take the final cut?”
इससे अच्छा तो विपक्षी पार्टियों को ही popcorn लेकर देखना चाहिए।
चल रहा है ‘आंतरिक मंथन’, नामकरण कर सकते हैं – “दस साल बाद की दुश्मनी, आज की दोस्ती”
NDA भले एकजुट दिख रहा हो, पर जद(यू) ने जो किया वो ट्विटर पर ट्रेंड करने लायक था – “Ex-BJP नेता साबिर अली को टिकट, वो भी VIP सीट अमौर से!”
और ये वही साबिर अली हैं जिन्हें “मोदी जी की तारीफ” के चलते पार्टी से बाहर निकाला गया था।
अब वही पार्टी कह रही है – “जो भी जीते, NDA ही बोले – जय श्री सीट!”

मढ़ौरा में LJP की उम्मीदवार सीमा सिंह आउट, नामांकन तकनीकी फाउल में क्लीन बोल्ड
लोक जनशक्ति पार्टी की उम्मीदें तब ज़ोर से फिसलीं, जब सीमा सिंह – जिन्हें ‘एक्ट्रेस से लीडर’ बनाया गया – नामांकन में टेक्निकल आउट हो गईं। अब वहां जितेंद्र कुमार राय की बल्ले-बल्ले हो रही है।
चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को ज्ञापन देकर कहा, “कम से कम एक रीटेक दे देते!”
बिहार का चुनाव, गठबंधन का इम्तिहान – हर कोई अपने ही दोस्त से डरा हुआ है!
INDIA गठबंधन की गाड़ी पटरी से नहीं, सीट से उतरती दिख रही है। वहीं NDA ने पुराने विरोधियों को गले लगाकर दिखाया है कि “सियासत में कोई परमानेंट दुश्मन नहीं होता, बस सीट परमानेंट होनी चाहिए।”
टिकट तो सभी मांग रहे हैं, पर चुनाव बाद ब्लेम गेम का पास भी साथ में छुपा है!
नया सियासी ‘ताश का पत्ता’ बिछा: मंत्री बने क्रिकेटर की पत्नी, डिप्टी CM बने हर्ष