“लखनऊ की हवा बोली – ‘माचिस मत लगाना, मैं पहले से सुलगी हूं!'”

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

लखनऊ में दीपावली से ठीक पहले ठंड तो धीरे-धीरे आ रही है, लेकिन प्रदूषण भागते हुए रेड कार्पेट पर आ चुका है।

एक तरफ लोग स्वेटर निकाल रहे हैं, तो दूसरी तरफ मास्क अब फैशन नहीं, ज़रूरत बन गया है।

AQI का हाल: ‘Orange Is The New Black’

रविवार को लखनऊ का AQI सीधे यलो से ऑरेंज ज़ोन में उछला – लालबाग: 209, तालकटोरा: 206

मतलब हवा इतनी भारी हो चुकी है कि सांस लेने से पहले आपको सोचना पड़े, “यार ये अंदर लेना भी चाहिए क्या?”

बाकी इलाकों ने थोड़ी इज्ज़त बचा ली है – अलीगंज, अंबेडकर यूनिवर्सिटी, कुकरैल और गोमती नगर अभी ‘यलो’ मूड में हैं।

दीपावली से पहले ही हवा ने बोला – ‘मैं ट्रिगर में हूं!’

CPCB के अनुसार लखनऊ का औसत AQI अब 149 के आसपास है। PM10 और PM2.5 जैसे केमिकल्स हवा में ऐसे घुले हैं जैसे त्योहारों में मिठाइयों में नकली खोया। और ये तो अभी ट्रेलर है – दिवाली के बाद ये AQI सीधा हॉरर फिल्म बन जाएगा!

Flashback: पिछले साल दिवाली पर क्या हुआ था?

2024 में दीपावली वाले दिन AQI था 182 और अगले ही दिन 306 – मतलब हवा ने full toxic mode ऑन कर दिया। ये वही समय होता है जब लोग मुँह पर मास्क नहीं, मुँह पर सवाल लेकर घूमते हैं – “ये सांस या सज़ा है?”

लालबाग और तालकटोरा: ‘हवा’ से ज्यादा ‘धुआं’

औद्योगिक क्षेत्र अब सांस नहीं ले रहे, बल्कि सबकी सांस रोक रहे हैं। फैक्ट्रियों की फैली हुई हवा अब रोमांटिक कोहरा नहीं, सरकारी रिपोर्ट में दर्ज धुंआ बन चुकी है।

ठंड बढ़ रही है… और साथ में प्रदूषण भी!

तापमान –
Day: 33°C
Night: 20°C

Humidity –
Max: 84%, Min: 47%

मतलब पसीना भी आ रहा है, और सांस भी अटक रही है। “ये कैसा मौसम है भगवान, AC भी चला लें क्या और इनहेलर भी?”

दीप जलाइए ज़रूर, पर हवा भी बचाइए

लखनऊ की हवा कह रही है – “दिवाली की खुशियां मनाइए, लेकिन मुझे मत जलाइए!”

इस बार पटाखों के साथ-साथ थोड़ी समझदारी भी फोड़िए।

दीपावली का मतलब है उजाला – पर हवा इतनी गाढ़ी ना हो कि सूरज को भी लाइट जलानी पड़े!

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