
उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस बार बहस मुद्दों पर नहीं, ‘मुल्ली’ और ‘गुर्जर’ शब्दों पर हो रही है। कैराना से सपा सांसद इकरा हसन पर हिंदू रक्षा दल के प्रमुख पिंकी चौधरी ने एक ऐसा बयान दे मारा, जो सीधे-सीधे सभ्यता की सीमा पार करता नजर आता है।
चौधरी बोले – “इतनी औकात हो गई इसकी?… जिसने तलवार के दम पर सलवार पहनी हो, वो गुर्जर कैसे हो सकती है?”
…और इस ऐतिहासिक “रेसिज़्म मीट सेक्सिज़्म” बयान को सुनकर उनके समर्थक बड़े खुश भी दिखे।
इकरा बोलीं – “मुझे मुल्ली और आतंकवादी कहा जा रहा है”
इस पूरे बवाल की शुरुआत उस भावुक भाषण से हुई, जो इकरा हसन ने सहारनपुर के एक गांव में दिया। उन्होंने कहा, “मुझे ‘मुल्ली’, ‘आतंकवादी’ कहा जा रहा है, और ये सब एक साजिश के तहत किया जा रहा है।”
बिना नाम लिए उन्होंने इशारा किया कि पूर्व सांसद प्रदीप कुमार इस ‘छवि ध्वंस अभियान’ के पीछे हैं।

“क्या मैं आपके समाज की बेटी नहीं हूं?”
ग्रामीणों के सामने बोलते हुए इकरा की आवाज कांप गई। उन्होंने कहा- “अगर मेरे काम से किसी को दिक्कत है तो अगली बार वोट न दीजिए, लेकिन गालियां देकर समाज को मत तोड़िए।” उनका सवाल – “क्या मैं आपके समाज की बेटी नहीं हूं?”
राजनीति में फिर शुरू ‘बोलने की आज़ादी’ का मिसयूज़
पिंकी चौधरी का बयान न सिर्फ जेंडर सेंसिटिविटी, बल्कि जातीय और धार्मिक मर्यादाओं का खुला उल्लंघन माना जा रहा है। कई सपा नेताओं ने इसे “नारी का अपमान” करार दिया है, तो कुछ संगठनों ने इसे “सुनियोजित उकसावा” बताया। इस बयान पर फिलहाल इकरा हसन की ओर से कोई प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सपा कार्यकर्ताओं ने इसे लेकर चुनाव आयोग और पुलिस में शिकायत की बात कही है।
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