
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने न केवल भारत को आज़ादी दिलाई बल्कि सत्य, अहिंसा और आत्मबल की ऐसी ताकत दिखाई जो दुनिया के लिए मिसाल बन गई।
उनका “स्वदेशी आंदोलन” महज विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का अभियान नहीं था, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत की नींव थी।
खादी पहनना सिर्फ वस्त्र नहीं, विचारधारा पहनने जैसा था। गांधी जी ने बताया कि स्वतंत्रता सिर्फ राजनीतिक नहीं, आर्थिक और सामाजिक भी होनी चाहिए।
आज जब भारत मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की राह पर है, तो यह बापू के सपनों का ही आधुनिक रूप है।
शास्त्री जी: सादगी की मिसाल, संकल्प का संदेश
लाल बहादुर शास्त्री, भारत के दूसरे प्रधानमंत्री, जिनकी सादगी आज भी प्रेरणा देती है। उन्होंने “जय जवान, जय किसान” का नारा देकर राष्ट्र निर्माण के दो सबसे अहम स्तंभों – सेना और किसान – को सम्मान और प्राथमिकता दी।
1965 में पाकिस्तान से युद्ध जीतकर भारत की शक्ति का प्रदर्शन किया। खाद्यान्न संकट के समय देशवासियों से उपवास की अपील की, खुद अमल किया। उन्होंने दिखाया कि नेतृत्व का असली अर्थ क्या होता है – सेवा, समर्पण और सच्चाई।
आज जब भारत फूड सिक्योरिटी, डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग, और रूरल इकोनॉमी में आत्मनिर्भर बन रहा है, तो यह शास्त्री जी की सोच का ही विस्तार है।
दोनों विभूतियों से आज की पीढ़ी को क्या सीख मिलती है?
गांधी जी से:
नैतिकता, सादगी, पर्यावरण-संवेदनशील जीवन और Bottom-up विकास का मॉडल।
शास्त्री जी से:
राष्ट्रीय सुरक्षा, ग्रामीण सशक्तिकरण, और सरकार का जनता से भावनात्मक जुड़ाव।

आज की नीतियों में जब स्वच्छ भारत, ODOP, खादी मेला, डिफेंस कॉरिडोर जैसे कदम लिए जाते हैं, तो असल में यह गांधी और शास्त्री के विचारों को क्रियान्वित करना है।
आदर्शों की विरासत को व्यवहार में बदलता भारत
गांधी का सत्य: RTI, नागरिक भागीदारी और पारदर्शिता
शास्त्री का संकल्प: Make in India, Startup India, किसान योजनाएं
आज का भारत आदर्शों और टेक्नोलॉजी का मेल है। गांधी और शास्त्री का भारत अब सिर्फ किताबों में नहीं, नीति, योजना और प्रगति में नज़र आता है।
याद करें नहीं, जीएं उनके विचार
गांधी और शास्त्री भारत के इतिहास के पन्नों में नहीं, भारत के भविष्य की योजनाओं में जीवित हैं। आइए, इस गांधी-शास्त्री जयंती पर संकल्प लें कि उनके विचारों को सिर्फ याद नहीं करेंगे, उन्हें अपने जीवन, चुनाव, और क्रिया का हिस्सा बनाएंगे।
CM योगी बोले: गांधी-शास्त्री के सपनों को साकार कर रही डबल इंजन सरकार