“मां पे बात? जेल की बात!” – तेज प्रताप का गुस्सा सातवें आसमान पर

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप कोई नई बात नहीं, लेकिन जब बात “मां” तक पहुंच जाए, तो फिर भावनाएं उबाल मार ही देती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ जब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने पीएम मोदी की मां पर कथित टिप्पणी को लेकर कड़ा रुख अपनाया।

क्या है पूरा मामला?

बीजेपी ने दावा किया कि तेजस्वी यादव की “बिहार अधिकार यात्रा” के दौरान कुछ RJD कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसे बीजेपी ने प्रमुखता से शेयर किया।

लेकिन RJD ने इस वीडियो को बताया – “एडिट किया गया है, झूठ फैलाया जा रहा है।”

तेज प्रताप का तगड़ा रिएक्शन – “मां का अपमान? जेल भेजो इनको!”

जब पत्रकारों ने इस मुद्दे पर तेज प्रताप यादव से सवाल किया, तो उनके अंदर का “संस्कार वाला बेटा” फुल ऑन मोड में आ गया। उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने मां पर उंगली उठाई है, उनके खिलाफ सिर्फ़ FIR नहीं, जेल भी होनी चाहिए।”

और फिर डायलॉग स्टाइल में बोले- “मां शब्द का अपमान करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। हम बिहार सरकार और केंद्र सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग करते हैं।”

तेज प्रताप की धमकी: ‘सड़क पर उतरकर करेंगे आंदोलन’

उन्होंने साफ़ चेतावनी दी – “अगर सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती, तो मैं खुद सड़क पर उतरकर आंदोलन करूंगा।”

यानी अब मामला सिर्फ बयानबाज़ी तक सीमित नहीं, बल्कि जमीन पर उतरने का मूड बन चुका है।

राजनीति या सच्ची भावनाएं?

इस पूरे घटनाक्रम पर जनता में दो तरह की राय है:

कुछ लोग इसे सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा कह रहे हैं। तो कुछ इसे राजनीतिक ड्रामा सीज़न 2025 का नया एपिसोड मानते हैं।

“अब चुनावी घोषणापत्र में भी जोड़ लो – मां को टच मत करना!”

राजनीतिक विमर्श अब जनहित से निकलकर जन-भावनाओं में घुल गया है। और तेज प्रताप यादव जैसे नेता इस भावनात्मक कार्ड को सदियों पुरानी संस्कृति से जोड़कर पेश करने में माहिर हैं।

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