Nepal Gen-Z Protest: ओली का ‘दुबई एस्केप प्लान’, आर्मी का अल्टीमेटम

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

कहा जा रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री के पैर जमीन पर नहीं, प्लेन की सीढ़ियों पर हैं। एक नेपाली एयरहोस्टेस ने वीडियो में दावा किया है — “हां जी, ओली जी दुबई के लिए उड़ चुके हैं। खाना खाया, सीट बेल्ट लगाई और अब टेक ऑफ।”

देश जल रहा है, लेकिन साहब आराम से दुबई में शॉपिंग करेंगे — शायद “प्लेन वाला लोकतंत्र” यही होता है।

एयरहोस्टेस की वायरल क्लिप: टिकट बुकिंग या टिकट कटवाना?

जिस वीडियो ने सोशल मीडिया पर बवाल मचाया, उसमें एयरहोस्टेस बड़ी मासूमियत से कहती हैं:

“PM साहब इस फ्लाइट में हैं, I repeat, they are literally on board!”

अब सवाल ये नहीं कि ओली जी दुबई क्यों गए — सवाल ये है कि जनता का गुस्सा और आग अब किस ओर मुड़ेगी?

‘तुम उड़ोगे, हम जलाएंगे!’

जैसे ही खबर फैली कि ओली जी देश छोड़ रहे हैं, प्रदर्शनकारियों का गुस्सा उबल पड़ा। नेताओं के बंगलों में आग, सरकारी इमारतों की खिड़कियाँ तोड़ी गईं और कुछ जगहों पर ATM भी बुरी तरह “Protest Withdrawn” कर दिए गए।

सवाल ये है —“अगर देश छोड़कर भागना ही था, तो PM क्यों बने थे, प्लेन का टिकट पहले ही ले लेते?”

आर्मी ने संभाली बागडोर: “अब VPN नहीं, VVIP ट्रीटमेंट मिलेगा”

सेना अब एक्टिव हो चुकी है।

पूरे देश में शाम 5 बजे से लॉकडाउन। जनता से संयम की अपील और Gen-Z से वार्ता का न्योता सेना का साफ कहना है — “डेमोक्रेसी बचानी है तो TikTok बंद कर दो, लेकिन ट्रिगर मत करो।”

Gen-Z बोले: ‘हम Snap नहीं, System तोड़ते हैं’

ये आंदोलन अब सोशल मीडिया बैन से बहुत आगे निकल चुका है। युवा कह रहे हैं — “हम तो सिर्फ scroll कर रहे थे, आपने ही हमें street तक पहुंचा दिया।”

अब ये लड़ाई मोबाइल डेटा की नहीं, राजनीतिक डेटा की हो चुकी है।

कैदी बोले: ‘देश निकला विद्रोह पर, तो हम भी निकल लें!’

जिस देश में मंत्री फ्लाइट पकड़ रहे हैं, वहां जेल के दरवाज़े खुले हों तो 576 कैदी बाहर क्यों न भागें?
कुछ कैदी तो भारत भी पहुंच चुके हैं, SSB ने उन्हें पकड़ लिया है। कानून से ज़्यादा अब GPS काम आ रहा है!

काठमांडू से चेतावनी: “लूटेरे भी आंदोलनकारी बन चुके हैं”

लूटपाट, आगजनी और chaos अब रोज़ का ट्रेंड बन चुका है। कुछ तो ऐसे “क्रांतिकारी” भी निकल आए हैं जो कह रहे हैं — “हम संविधान नहीं, टीवी चुराने आए हैं।”

सेना ने ऐसे opportunist revolutionaries के लिए सीधा shoot-at-sight नहीं, लेकिन shout-at-sight मोड ऑन कर दिया है।

सेना और Gen-Z की ‘वॉर्टा’ प्लानिंग

अब सेना Gen-Z नेताओं से बात करेगी — नाम मांगे गए हैं। मुद्दे सुने जाएंगे और शायद Insta Live भी किया जाए लेकिन सवाल अब भी वही है:
“भरोसा किस पर करें, जो आज Live है, वो कल Offline हो सकता है?”

भारत की टेंशन: “कहीं हमारी Gen-Z भी न जाग जाए…”

भारत में भी अलर्ट जारी हो चुका है। नेपाल की आग और अराजकता देखकर पड़ोसी देश सोच रहा है — “ये जेनरेशन तो बिना चाय के भी क्रांति कर सकती है!”

Nepal का Gen-Z आंदोलन अब सिर्फ सोशल मीडिया या भ्रष्टाचार का मुद्दा नहीं है। ये एक पूरी पीढ़ी का जवाब है — “अगर तुम्हारा सिस्टम हमें दबाएगा, तो हम तुम्हारी सत्ता ही उड़ा देंगे।”

ओली जी तो उड़ गए, लेकिन लोकतंत्र अब टेक-ऑफ नहीं, इमरजेंसी लैंडिंग पर है।

नेपाल का ये आंदोलन एक पूरी पीढ़ी की वो चीख थी जिसने सब जला दिया

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